मुख्तार अंसारी की मृत्यु क्यों हुई | Mukhtar Ansari Death News Hindi
मुख्तार अंसारी की जीवनी | Mukhtar Ansari Latest News
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Mukhtar Ansari Biography
Mukhtar Ansari Kaun Hai
Mukhtar Ansari News Today
"तूफान कर रहा था मेरे अज्म का तवाफ...
दुनिया समझ रही मेरी कश्ती भंवर में है !"
उत्तर प्रदेश में माफिया राज की जब भी बात होती है... तो उसमें पूर्वांचल का जिक्र जरूर आता है... पूर्वांचल दरअसल केंद्र रहा है अपराध का, अपराधियों का, बाहुबलियों का... आज की तारीख में हम जब भी पूर्वांचल के माफियाओं की बात करते हैं, तो उसमें सबसे ऊपर नाम आता है मुख्तार अंसारी का, वो ही मुख्तार अंसारी, जो दिल का दौरा पड़ने के बाद अब इस दुनिया से अलविदा कह चुका है... 27 मार्च की देर रात को खबर आई कि बांदा जेल में बंद मुख्तार की अचानक तबियत बिगड़ गई है, इसके बाद उन्हें दुर्गावती अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया... और इस तरह से अंत हुआ उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में अपनी माफियागिरी का सिक्का चलाने वाले एक बड़े माफिया का...
Crime Master या पिछड़ों का Godfather? मुख्तार अंसारी की वो पहचान जिससे हर कोई है अंजान
साल 1996 में एक्टर सनी देओल की एक फिल्म आई थी... घातक... इसमें एक विलन था जिसका नाम था कातिया... फिल्म में जिस तरह से लोगों पर कातिया का खौफ दिखाया गया है... ठीक ऐसा ही खौफ एक वक्त यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का उत्तर प्रदेश के लोगों पर था... लेकिन क्या आपको यह मालूम है कि मुख्तार अंसारी का ताल्लुक देश के सबसे प्रतिष्ठित परिवारों में से है... 30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद गांव में पैदा हुए मुख़्तार अंसारी का फैमली बैकग्राउंड राजनीतिक रहा है... मुख्तार अंसारी के दादा आजादी से पहले इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे... नाना महावीर चक्र विजेता तो चाचा देश के उप-राष्ट्रपति रहे हैं... खुद मुख्तार अंसारी कॉलेज टाइम में एक बेहरीन क्रिकेटर हुआ करते थे... बहुत अच्छी बॉलिंग करते थे... कहा जाता है कि अगर उनको सही ट्रेंनिंग मिली होती, तो शायद वो टीम इंडिया में शामिल होकर इंटरनेशनल प्लेयर बन सकते थे... लेकिन नहीं... इतनी गौरवशाली पारिवारिक पृष्ठभूमि के होने के बावजूद वो जुर्म के रास्ते पर चल पड़े...
उन्होंने अपराध की दुनिया में अपना वर्चस्व बनाया और इसी को ज़रिया बनाकर राजनीति की सीढ़ियां चढ़ते गए... राजनीति की दुनिया में मुख्तार अंसारी ने अपना दबदबा बनाकर रखा था... उन पर कई मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन इसके बावजूद वह चुनाव जीतते रहे... मुख्तार अंसारी पांच बार विधायक रहे... उन्होंने 15 साल से ज्यादा वक्त जेल में काटा... साल 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में मुख्तार अंसारी को जीत मिली... तीन विधानसभा चुनावों में मुख्तार अंसारी ने जेल में रहकर ही जीत हासिल की थी... जो कि अपने आप में बहुत बड़ी बात है...
मुख्तार अंसारी का क्राइम क्या था?
मुख्तार अंसारी की दबंगई का आलम क्या था, इसका अंदाज़ा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपनी मनपसंद मछली खाने के लिए उन्होंने जेल में ही तालाब खुदवा लिया था... जी हां, गाजीपुर जेल मुख्तार अंसारी का घर हुआ करती थी... शाम को जेल के अंदर ही उनका दरबार लगता था... जेल में उन्होंने बैडमिंटन कोर्ट बना रखा था... बड़े-बड़े अधिकारी उनके साथ खेलने आते थे... केवल गाजीपुर जेल ही नहीं, यूपी की जिस जेल में मुख्तार बंद होते थे उस जेल में उनका ही कानून चलता था... उनसे लोग बेरोकटोक जेल में मिलने आते थे... मुख्तार अंसारी के बारे में क्या आपको ये बात पता है कि वो हिंदुओं के पिछड़े वर्ग के लोगों और मुसलमानों का रहनुमा समझा जाता था... जी हां, यह बात पूरी तरह से सच है... यही वजह है कि गाजीपुर, जहां मुश्किल से 10 फीसद ही मुस्लिम जनसंख्या है, वहां से मुख्तार अंसारी एक बहुत बड़े मार्जिन से चुनाव जीता करते थे... खैर, मुख्तार अंसारी ने वैसे तो अपनी पूरी जिंदगी भर बहुत से पाप किए हैं लेकिन उनका सबसे बड़ा पाप था कृष्णानंद राय की हत्या करवाना...
मुख़्तार अंसारी ने कितने क्राइम किये हैं?
तारीख़ 25 नवंबर 2005... लोकेशन यूपी के ग़ाज़ीपुर का गोडउर गांव... मोहम्मदाबाद सीट से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय अपने घर से निकले... पास के ही सियारी गांव में जाना था... एक क्रिकेट टूर्नामेंट था, उसके उद्घाटन के लिए... लिहाज़ा कृष्णानंद राय ने बग़ल के गांव में जाने के लिए अपनी बुलेट प्रूफ़ गाड़ी नहीं ली... सादी गाड़ी और क़ाफ़िले के साथ चले गए... टूर्नामेंट का उद्घाटन किया... फिर वहां से एक दूसरे गांव के लिए रवाना हो गए... कुछ दूर आगे बढ़े होंगे कि रास्ते में एक सिल्वर ग्रे कलर की एसयूवी सामने से आकर खड़ी हो गयी... रास्ताबंद... क़रीब 7-8 लोग एसयूवी में से उतरे... उनके हाथ में हथियार थे... औने-पौने कट्टे-पिस्टल नहीं, बल्कि एके-47... पूर्वांचल का सबसे बड़ा हत्याकांड होने जा रहा था... एसयूवी से उतरे लोगों ने विधायक कृष्णानंद राय की गाड़ी पर फ़ायर झोंक दिया... ख़बरें बताती हैं कि इस घटना में 500 राउंड से ज़्यादा गोलियां चलीं थीं... बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय, गनर निर्भय उपाध्याय, ड्राइवर मुन्ना, रमेश राय, श्यामशंकर राय, अखिलेश राय और शेषनाथ सिंह की मौत हो गई थी... पोस्ट्मॉर्टम में पता चला कि इन सात लोगों के शवों से कुल 67 गोलियां बरामद की गयी थीं...
मुख्तार अंसारी कितनी बार विधायक बने?
खबरों के मुताबिक कृष्णानंद राय और उनके साथियों पर गोली चला रहे लोग कह रहे थे, ‘मारो इनको, इन लोगों ने भाई को बहुत परेशान कर रखा है.’ आपको पता है ना कि यहां किस भाई की बात हो रही थी? पूर्वांचल को समझने वाले कहते हैं कि कृष्णानंद राय की अदावत पूर्वांचल के एक ही भाई से थी... और वो भाई थे मुख़्तार अंसारी... माफिया मुख्तार अंसारी की दहशत पिछले चार दशकों से चली आ रही थी... इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूं ही नहीं कहा है कि मुख्तार का गैंग देश का सबसे खूंखार आपराधिक गिरोह है, क्योंकि इस गैंग का एक-दो नहीं बल्कि आठ राज्यों में बड़ा नेटवर्क है... फिर चाहे मुंबई हो या गुजरात या पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, दिल्ली और एमपी... कई बड़ी वारदात में उनके खिलाफ सुबूत भी नहीं मिले और वो बरी होते गये... मुख्तार के खिलाफ देशभर में 61 मामले दर्ज हैं, जिनमें 24 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं...
मुख्तार की दहशत किस कदर गवाहों और सरकारों पर भारी थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 50 से ज्यादा गंभीर मामलों में आरोपित होने के बाद भी उन्हें सजा होने में 40 साल से ज़्यादा लग गए... कुल मिलाकर कहें तो जबसे योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता संभाली है तभी से मुख्तार अंसारी का काउंटडाउन शुरू हो गया था... उसके साम्राज्य को पहले ही पूरी तरह से ध्वस्त किया जा चुका है... और अब वो खुद भी मिट्टी में ही मिल गए हैं...