नेशनल एजुकेशन पॉलिसी कहती है कि बच्चा करके सीखें:युवराज सिंह
जनपद के पं बाबूराम त्रिवेदी सरस्वती शिशु मंदिर अल्लीपुर में शनिवार को विद्याभारती द्वारा आयोजित नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के अष्टम दिवस पर मुख्य अतिथियों का नवीन आचार्या वहनों के तिलक बंधन व वैच लगाकर स्वागत किया गया। उसके उपरांत मुख्य अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती जी की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलन व पुष्पार्चन किया गया तथा वंदना का कार्यक्रम हुआ। मंच संचालन श्रावस्ती संभाग के संभाग निरीक्षक कैलाश वर्मा के द्वारा किया गया तथा आये हुए मुख्य अतिथियों का परिचय संभाग निरीक्षक लखनऊ श्याममनोहर शुक्ल के द्वारा किया गया। वंदना कार्यक्रम के पश्चात प्रवक्ता डायट हरदोई डॉ युवराज सिंह का स्वागत श्रावस्ती संभाग के संभाग निरीक्षक कैलाश वर्मा ने किया तथा पूर्व प्राचार्य सीएसएन पीजी कॉलेज हरदोई डॉ बी एस पांडे का स्वागत सीतापुर संभाग निरीक्षक रणवीर सिंह ने किया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र पर प्रवक्ता डायट हरदोई डॉ युवराज सिंह ने स्कूल एजुकेशन में प्रोजेक्ट कार्य पर विस्तृत चर्चा की और कहा कि कैसे स्कूल एजुकेशन में प्रोजेक्ट कार्य को इंक्लूड किया जाए। प्रोजेक्ट कार्य सब्जेक्ट वाइज हो सकता है। जिसमें हमें पहले एक टॉपिक डिसाइड करना होगा उस टॉपिक के हम किन-किन बिंदुओं को प्रोजेक्ट कार्य में देना चाहते हैं और किस तरह से हम उसको इवेलुएट कर सकते हैं प्रोजेक्ट कार्य का मुख्य उद्देश्य होता है लर्निंग बाय डूइंग कॉन्सेप्ट जिसे नेशनल एजुकेशन पॉलिसी भी कहती है। कि बच्चा करके सीखे, प्रोजेक्ट के साथ हम बच्चों के अंदर कोई ना कोई स्किल डेवलप कर सके नवीन आचार्य प्रशिक्षुओं को संदेश देते हुए कहा की प्रोजेक्ट कार्य एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से हम बच्चों को एक्सपिरिएंसेस लर्निंग देते है। प्रोजेक्ट कार्य के माध्यम से हम क्लास एजुकेशन सिस्टम से बच्चों को बाहर ले जाये हैं और आसपास के वातावरण में से सिखाते है।
द्वितीय सत्र पूर्व प्राचार्य सीएसएन पीजी कॉलेज हरदोई डॉ बी एस पांडे ने लिया इन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की व्याख्या की और कहा इससे पहले जो शिक्षा नीति बनी थी और 2020 में शिक्षा नीति जो कमियां थी उसमें सुधार करके नई शिक्षा नीति बनाई गई आदि चर्चा की। तिथि सत्र विभिन्न स्थान पर कक्षा सा शिक्षण कार्य हुआ। इसमे नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग में आये हुए आचार्य/ आचार्यों ने अपने विषय सा शिक्षण कार्य किया। इस मौके पर मुख्य रूप से उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा विद्या भारती शीर्षेन्दुशील त्रिवेदी विपिन व्यवस्था के आचार्य तथा नवीन आचार्य प्रशिक्षार्थी मौजूद रहे।