नव वर्ष के अवसर पर सजा दीवान
इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब के दरबार हाल को फूलों एवं बिजली की झालरों से बड़ी खूबसूरती से सजाया गया। रागी जत्था भाई गुरमीत सिंह जी हजूरी रागी गुरुद्वारा आशियाना वालों ने शबद कीर्तन गायन समूह संगत को निहाल किया उसके उपरान्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरजिंदर सिंह जी ने नव वर्ष पर व्याख्यान किया।
हजूरी रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने शबद कीर्तन गायन एवं ”वाहिगुरु” का नाम सिमरन करवाते हुए समूह साध संगत को नये वर्ष में प्रवेश करवाया सम्पूर्ण दरबार हाल "बोले सो निहाल सत श्री अकाल" के जैकारों से गूँज उठा, उसके उपरान्त सभी ने एक दूसरे को नव वर्ष की बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन सरबजीत सिंह धार्मिक सचिव ने किया।दीवान की समाप्ति के पश्चात गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष डा.अमरजोत सिंह ने आई साध संगतों को सम्बोधित करते हुए नव वर्ष की बधाई दी। उसके उपरांत समूह संगत में गाजर का हलवा और केसरिया दूध वितरित किया गया।