12 हजार से अधिक छात्रों ने शिक्षात्मक बाल फिल्मों से ली प्रेरणा
 

More than 12 thousand students took inspiration from educational children's films
More than 12 thousand students took inspiration from educational children's films
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ ( आर एल पाण्डेय )। सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में चल रहे १३वें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-२०२४) के तीसरे दिन आज लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों से पधारे १२,००० से अधिक छात्रों ने ९१ देशों शिक्षात्मक बाल फिल्मों का आनन्द उठाया और चरित्र निर्माण की शिक्षा ग्रहण की। इससे पहले, दीप प्रज्वलन समारोह के साथ बाल फिल्मोत्सव के चौथे दिन का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर सी.एम.एस. छात्रों ने पक्षात्मक साँस्कृतिक कार्यक्रमों की अनूठी प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विदित हो कि सिटी मोन्टेसरी शिक्षात्मक-र स्कूल के फिल्म्स एवं रेडियो डिवीजन के तत्वावधान में १५ से २१ अप्रैल तक आयोजित किये जा रहे इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में ९१ देशों की ५०१ शिक्षात्मक बाल फिल्में निःशुल्क प्रदर्शित की जा रही हैं।

बाल फिल्मोत्सव के तीसरे दिन आज हजारों बच्चों ने आज ए ड्राप ऑफ वाटर, एन्जल्स नेवर बैंक ऑन अर्थ, ओवर द ब्रिज, व्हेन यू विश अपान ए स्टार, ए वण्डरफुल ड्रीम, इनसाइड द बॉक्स, द नाइट बिफोर क्रिसमस, स्काईलेस स्टार, अंगुलिमाल, एजूकेशन इट्स माई राइट, अर्थ इज होम, घर किसका है, रेस्टोरेन्ट इन द टाउन, मैजिक बाक्स, द गर्ल बिहाइन्ड द मिरर आदि अनेकों मनोरंजन से भरपूर उत्कृष्ट फिल्मों का आनन्द उठाया। फिल्म देखने के बाद अधिकांश छात्रों की प्रतिक्रिया थी कि विद्यालय में नैतिक शिक्षा के पीरियड को तो हम हंसी में उड़ा देते हैं लेकिन इस प्रकार मनोरंजन के माध्यम से छात्रों को जीवन मूल्यों का ज्ञान देने का यह तरीका अत्यन्त प्रशंसनीय है। अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के अन्तर्गत आज कई विद्यालयों के छात्रों ने शिक्षात्मक बाल फिल्मों का आनंद उठाया, जिनमें लामार्टिनयर व्वाएज, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी, सिटी इण्टरनेशनल स्कूल, राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय, इमिनेन्स पब्लिक स्कूल, राजकीय ममता विद्यालय, कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय आदि प्रमुख हैं।

सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में फिल्म जगत की प्रख्यात हस्तियों ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए एक स्वर से कहा कि शिक्षात्मक फिल्में बालकों के कोमल मस्तिष्क पर सकारात्मक व गहरा प्रभाव डालेंगी और उनमें महान बनने के विचार पैदा करेंगी। इस अवसर पर प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने कहा कि बाल फिल्मों का यह महोत्सव सिर्फ लखनऊ के ही. नहीं अपितु प्रदेश व देश के बच्चों को भी नैतिकता व चारित्रिक उत्थान का पाठ पढ़ा रहा है। छोटी-छोटी बातें भी बच्चों के दिमाग पर बहुत असर डालती हैं। बाल फिल्मों का यह महोत्सव बच्चों को अच्छे अच्छे विचारों से परिपूर्ण करने में खूब सफल हो रहा है। फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर  आर के. सिंह ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को बाल फिल्मोत्सव में दिखाई जा रही शिक्षात्मक व प्रेरणादायी बाल फिल्मों को देखने को प्रेरित करें।

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