70 साल बाद चेहरों की खुशी देखिये जो मोबाइल नेटवर्क के आने से हुई

70 साल तू कुछ नहीं हो पाया और कुछ ही वर्षों में हो गया और लेह लद्दाख के उन दुर्गम क्षेत्र में जहां लोग आसानी से जा भी नहीं सकते पैगाम झील के आसपास मोबाइल कनेक्टिविटी ने अपना काम करना शुरू कर दिया और जिन गांव में जिन दुर्गम क्षेत्रों के लोग को दुनिया के अन्य जगहों से जोड़ दिया गया उनके चेहरों पर खुशी देखी जा सकते हैं और वह अभी महसूस कर सकते हैं कि बाकी दुनिया उनसे दूर नहीं है

इसके पहले यह पूरी तरीके से इंटरनेट कनेक्टिविटी से अलग रहता था और कभी भी इस बारे में सफलता नहीं मिल पाई कि लोगों को जोड़ा जाए लेकिन बीएसएनएल ने अपना टावर पहुंचा दिया जहां लोग आसानी से नहीं पहुंच सकते अब गांव के लोगों में इस बात की खुशी है कि वह दूरदराज क्षेत्रों के बारे में भी लोगों से जुड़ कर जान सकेंगे दुनिया में क्या हो रहा है इस बारे में जान सकेंगे और आपस के लोगों का हाल-चाल भी एक दूसरे से ले सकेंगे ।

पैंगोंग झील का अपना एक महत्व है और जिस तरीके से देखा गया अभी कुछ दिनों में की चाइना ने पैगाम झील के आसपास अपनी जो एक्टिविटी बढ़ाई थी अचानक ही यह क्षेत्र सुर्खियों में आ गया थ दूरदराज क्षेत्रों में जो उनके जानने वाले लोग हैं वह भी अब उनके साथ कनेक्टिविटी होकर यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि लेह लद्दाख के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले उनके रिश्तेदार और उनके घर के लोग कैसे हैं और उनके घर के लोग भी अपनी कुशलता बता सकते हैं ।

सबसे बड़ी चीजें भी है कि मोबाइल कनेक्टिविटी के जो जाने से अगर उनको कोई समस्या आती है तो वह भी बाहर के लोगों से बता सकते हैं जिससे उनको वह सुविधाएं मुहैया कराई जा सके इसके पहले जो कि यह क्षेत्र बर्फ से ढका रहता है और यहां कई कई महीनों तक आवागमन ही बंद रहता है तो ऐसे में कई तरह की दिक्कतों का सामना लोगों को करना पड़ता था।


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