पितृ पक्ष 2024: अपने पूर्वजों को दें श्रद्धांजलि, ज्योतिषायन के आचार्य रामू लाल पाण्डेय के मार्गदर्शन में

लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)::पितृ पक्ष, जो इस वर्ष 17 सितंबर से आरंभ होकर 02 अक्टूबर तक चलेगा, हिंदू संस्कृति में एक विशेष महत्व रखता है। इस दौरान, श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। यह समय उन परिजनों को याद करने और उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने का अवसर है, जो इस संसार को छोड़ चुके हैं।


ज्योतिषायन के प्रसिद्ध कर्मकांडी आचार्य रामू लाल पाण्डेय, जो इस क्षेत्र में जाने-माने विशेषज्ञ हैं, का कहना है कि पितृ पक्ष के दौरान किए गए श्राद्ध और तर्पण से न केवल पूर्वजों को आशीर्वाद मिलता है, बल्कि यह परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है। उन्होंने बताया कि इस समय विशेष रूप से गौ माता को भोजन कराने, जल देने और गरीबों को अन्न दान करने का महत्व है।

आचार्य रामू लाल पाण्डेय ने आगे कहा, "इस वर्ष पितृ पक्ष के दौरान प्रत्येक तिथि का अपना अलग महत्व है। अंतिम दिन, अति महत्वपूर्ण तिथि है, जिसे 'महालया अमावस्या' कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।"

वहीं, आचार्य पाण्डेय ने परिवारों को सलाह दी है कि वे इस अवधि में ध्यानपूर्वक पूजा-अर्चना करें और अपने पूर्वजों के नाम से जल और तिल का तर्पण करें। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इस दौरान शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों को याद करें और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें। ज्योतिषायन के आचार्य रामू लाल पाण्डेय के मार्गदर्शन से आप अपने परिवार में सुख और समृद्धि का संचार कर सकते हैं।
अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें ::
आचार्य रामू लाल पाण्डेय (कर्म काण्ड विशेषज्ञ)
ज्योतिषायन 
विराम खण्ड 5 गोमती नगर लखनऊ 
+91 97921 27015
या विजिट करें www.jyotishaayan.in

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