"उत्तर प्रदेश में एचआईवी एड्स (पीएलएचआईवी) से पीड़ित लोगों और प्रमुख आबादी के बीच पूर्वाग्रह और भेदभाव" पर की चर्चा 

Discussion on "Prejudice and discrimination among people living with HIV AIDS (PLHIV) and key populations in Uttar Pradesh"
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ (आर एल पाण्डेय)। लखनऊ विश्वविद्यालय के  कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के मार्गदर्शन में मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना शुक्ला और प्रो. गीतांजलि मिश्रा, डीन एकेडमिक्स, लखनऊ विश्वविद्यालय के नेतृत्व में केजीएमयू, लखनऊ के सहयोग से यूपी राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के साथ "उत्तर प्रदेश में एचआईवी एड्स (पीएलएचआईवी) से पीड़ित लोगों और प्रमुख आबादी के बीच पूर्वाग्रह और भेदभाव" शीर्षक वाली परियोजना पर हस्ताक्षर किए।

 इस परियोजना का उद्देश्य एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों के बीच पूर्वाग्रह और भेदभाव का अध्ययन करना है। यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (यूपीएसएसीएस) के संयुक्त निदेशक डॉ. अरुण कुमार सिंघल ने 2023 में कहा, "परीक्षण में लगातार वृद्धि हुई है। इसलिए, हमें हर साल नए मामले मिल रहे हैं।


इससे जुड़ी बहुत सारी गलतफहमियां और मिथक हैं और यह रोकथाम, उपचार और देखभाल में चुनौतियां पेश करता है, इसलिए यह अध्ययन उपचार से जुड़ी बाधाओं को समझने में मदद करेगा, एवं उनके मानसिक स्वास्थ्य के उत्थान में मदद करेगा। उत्तर प्रदेश के चार जिलों लखनऊ, झाँसी, मेरठ और वाराणसी में इस बीमारी के प्रति 800 प्रतिभागियों के दृष्टिकोण को सामने लाएगा। परियोजना में प्रधान अन्वेषक डॉ. हंसिका सिंघल, सहायक प्रोफेसर हैं, और सह-प्रधान अन्वेषक डॉ. अर्चना शुक्ला, प्रमुख, मनोविज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय हैं।

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