विश्व संस्कृति का सेतु रामकथा: प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित
श्री राजेश कुमार मीणा जी ने श्री अतिथि वक्ता का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया
श्री दीक्षित लखनऊ विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष रहे हैं। हिन्दी, अवधी एवं ब्रज भाषाओं के आधिकारिक विद्वान श्री दीक्षित ने विभिन्न भाषाओं में राम-कथा की उपस्थिति, इसके इतिहास और इसकी विभिन्न शैलियों पर क्रमिक प्रकाश डालते हुए इसकी प्रासंगिकता और उसके ऐसे पहलू जो आम जन-मानस से जुड़े तो हों मगर बिना किसी बोधगम्य व्याख्या के जिन पर हमारी दृष्टि नहीं जाती, उनका बराबर ज़िक्र करते हुए श्री दीक्षित ने अपने व्याख्यान को आरंभ से अंत तक ऐसा सुरुचिपूर्ण रखा कि श्रोता मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुनते रहे।
इस अवसर पर मंडल विकास अधिकारी, श्री राजेश कुमार मीणा जी ने श्री अतिथि वक्ता का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया और भारतीय स्टेट बैंक परिवार के लिए समय निकालने और विद्वतापूर्ण वक्तव्य के लिए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की। श्री मीणा ने समय-समय पर ज्ञानवार्त्ता शृंखला के अंतर्गत ऐसे व्याख्यान आयोजित करने के लिए राजभाषा विभाग की प्रशंसा करते हुए इन्हें आगे भी जारी रखने की अपेक्षा व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन मुख्य प्रबन्धक (राजभाषा), श्री दिवाकर मणि ने किया।
(ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय)