विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भईया ने बताया कि भारत देश
जहाँ एक भाई पहले से ही 30 सीट की बस लिये स्टेशन पर प्रतिक्षारत् ये बस परmबैठना हुआ आगे बैनर लग गया देखा जाए तो अनौपचारिक रूप से अधिवेशन की शुरूआत ठीक नौ बजे बस के अन्दर सेवाग्राम से पधारे जालंधर भाई छिनौले और हरियाण के रिंकु सिंह राठौर झारखण्ड़ के उमेश भाई गुजरात के जस्सी भाई सभी ने मिलकर भाई जी के गीत गाकर उनकी उपस्थिति का एहसास करा दिया। रास्ते में लगभग आधी दूरी पर वैष्णों भोजनालय पर सुन्दर दही परोठा, राजमा चावल आदि का भरपूर स्वाद लिया गया। अनुमान था कि तीन बजे तक किश्तबाड़ पहुँच जायेंगे इसी लिए आयोजक संजीव भाई परिहार कुलदीप शर्मा आदि ने पाँच बजे उद्घाटन सत्र रखा था, लेकिन पहाड़ियों की चडाई, टनल की गहराई और शिवरार्थियो की मौज सभी के चलते नौ घण्टे की यात्रा कर साढ़े चार बजे आशियाना पहुँचे तुरंतहाथ पैर मुंह धोकर सभी उद्घाटन सत्र में बैठे ही थे जिले के उपआयुक्त डॉ. देवांशयादव (मूलतः उत्तर प्रदेश मथुरा) वारिष्ट पुलिस अधिक्षक श्री कयूम हसन तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अलनसीर सलारिया आ पहुंचें स्वागत की पराम्परा कानिर्वाह हुआ गीत से भाई जी को याद किया गया। बुलंद आवाज में अजय कुमार पाण्ड़े ने भाई जी के सस्मरण सुनाये जिनको सुनकर सलारिया जी ने कहा कि हमभाई जी के दिल्ली में शिविराथी रह चुके हैं जिसमें ज्ञानी जैलसिंह जी आये थे।
सभी अतिथियों को झोला शिविर सामग्री तथा विमला बहन ने ऐसे थे विनोबा पुस्तक भेटकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि डॉ. यादव से पहले रमेश भइया ने विनोबा जी के विचारों को प्रस्तुत किया दीदी का स्मरण भी दिलाया और भाई जी के शिविरों से युवाओं में जो चेतना जाग्रत होती थी उसका जिक्र भी किया। डी.सी. डॉ. देवांस यादव ने राष्ट्रीय युवा योजना से किश्तबाड़ में युवाओं, आपदामित्रों के बीच में काम करने का अनुरोध किया। एस.एस.पी. ने कहा कि यहां पर किसी प्रकार की असुरक्षा न होने का आश्वासन दिया। जज सलारिया जी ने फिर यहां बडा शिविर करने का अनुरोध किया आभार श्री जगदीश चौधरी ने व्यक्त किया। दूसरा दिवस वहां से तीस किलोमीटर दूर सरथल में 18 भुजाओं वाली माँ के मंदिर में समपन्न हुआ वहीं पर भोजन प्रसाद आदि भी किया तथा सत्र भी संजयराय के संचालन में समपन्न हुआ जिसकी उपलब्धि ये रही की देश में 6 बड़े-बड़े शिविरों का आमंत्रण मिल गया। यहां तक कि अगला शिविर सोलन हिमाचल प्रदेश में श्री व्रजेन्द्र सिंह पवांर ने करने की घोषणा कर दी। उज्जैन सेवाधाम के सुधीर भाई के अनुरोध पर भाई जी का जन्म दिन बृहत स्तर पर मनाने का निश्चय किया गया। शाम को आशियाना में एक सत्र जिसमें अखिल भारत रचनात्मक समाज से जुड़े अब्दुल मजीद बिच्चु ने कहा यह स्थान पहले से दीदी की शान्ति यात्रा की भूमि रहा है भाई जी का शिविर भी यहां हो चुका है आप सब ने आकर उस धारा को फिर से प्रवाहित किया है
हम सब लोग मिलकर फिर से इसे आगे बढ़ायेंगे इस अवसर पर उमीला बहन एडवोकेट, श्री सी.बी. सिंह, डॉ. आर.सी. गुप्ता, दलजीत सिंह, अंशू भाई, वर्धा से अरूण भाई, प्रोफेसर सुमेधा बहन, सुरेश राठी, ने विचार व्यक्त किये अध्यक्षता श्री अजय कुमार पाण्ड़े ने करते हुए कहा कि देश विदेश के 100 से अधिक शिविरों मेंहम भाई जी के साथ रहे उनसे बहुत सीखने को मिला उनकी जो शिविर करनें की जो शैली थी हमें उसी को अपनाना हैं और आगे बढ़ते जाना है। रमेश भइया ने साथियों को बाबा के उत्साह जनक कहानियां सुनाई।
तीसरा दिवस 17 जून को ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पावन पर्व था इसलिए चौगान परिसर में हजारों नमाज अदा करने के लिए लोग इकट्ठे हुए थे जिनकी संख्या लगभग 20-25 हजार हो सकती है। वहां हमारे साथियों ने एक दिन पहले
सुबह का श्रमदान इसी परिसर में एक-एक तिनका, पोलिथीन आदि बीनकर तथा शहीद स्थल पर धुलाई आदि करके किया था।समापन समारोह ठीक 9 बजे सुबह आशियाना के सभागार में शुरू हुआ जहां गीत के बाद सर्व प्रथम राष्ट्रीय युवा योजना के मैनेजिंग ट्रस्टी बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. आर.सी. गुप्ता के प्रवोधन ने युवाओं में जोश भरा तथा अधिवेशन को सफल बताया इस अवसर पर अयोजक संजीव परिहार, एडवोकेट कुलदीप शर्मा को शाल, प्रतीक चिन्ह से रमेश भइया ने सम्मानित किया साथ ही साथ पंजाब से पधारे सरदार अमरीक सिंह को पांच हजार युवाओं शिविर सुलतानपुर लोधी में करने हेतु, बी.एस. पवार को अगला शिविर करने हेतु तथा सीवी. सिंह को कुशीनगर अधिवेशन हेतु जगदीश चौधरी द्वारा सम्मानित किया गया। सभी आये हुए साथियों को प्रमाण-पत्र वितरण किया गया जयजगत पुकारे जा सिर अमन पे बारे जा गीत गाकर समापन किया गया। किश्तवाड़ से आते समय रास्ते में पाटनीपाड हिल स्टेशन भी देखा गया। जम्मू आकर रघुनाथ मंदिर के दर्शन कर दिल्ली पहुंच गये जहां अधिकतर साथियों ने हरिजन सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार सान्याल का आर्शीवाद भी प्राप्त किया।