बच्चों को मिल सके पोषण का निवाला इसलिए रोज चलाती हैं 18 किलोमीटर नाव
अपने काम को अंजाम देने के लिए रोज 18 किलोमीटर नाव चलाना उतना मुश्किल नही जितना बच्चो को कुपोषित होने से बचाना

Relu vasave of maharashtra
National NewsDesk -यूपी बिहार में जहां सरकारी कर्मचारियों की कामचोरी के समाचार आम हैं वहीं महाराष्ट्र की रेलु वासवे जो आंगनवाड़ी वर्कर हैं 18 किलोमीटर नाव चलाकर आंगनवाड़ी सेंटर जाती हैं जहां उनकी ड्यूटी 6 वर्ष से कम बच्चों की देखभाल के लिए जाती हैं ।
समाचार एजेंसी ANI द्वारा दिये गए समाचार में बताया गया कि अपनी ड्यूटी के प्रति इतनी सजग हैं । आंगनवाड़ी केंद्रों पर छोटे बच्चों को पुष्टाहार दिया जाता है जिससे बच्चे कुपोषित न हों और गर्भवती महिलाएं उनको पोषण मिलता रहे । सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं पर रहता है जिसको पुराकरने के लिए महाराष्ट्र की रेलु वासवे ने जो किया है वह अनुकरणीय है।
#WATCH Maharashtra: Relu Vasave, an Anganwadi worker from Nandurbar rows 18 kilometres everyday to interior villages, to attend to children under 6 years of age and expecting mothers residing there. https://t.co/9WaLpfOgNF pic.twitter.com/8MwcuHSIP9
— ANI (@ANI) November 23, 2020
रेलु वासवे ने ANI से बात करते हुए कहा कि 18 किलोमीटर नाव चलाना काफी मुश्किल भरा है लेकिन यह उतना मुश्किल नहीं है कि उन बच्चों को पोषण मिल सके जिनके लिए उनकी ड्यूटी है इसलिए वह रोज इस काम को करते हैं जिससे बच्चों में जो कुपोषण है वह दूर किया जा सके और इनकी ड्यूटी पूरी सजगता के साथ पूरी हो सके.
Maharashtra: Relu Vasave, an Anganwadi worker from Nandurbar rows 18 km daily to attend to children under 6 yrs of age & expecting mothers in interior villages.
— ANI (@ANI) November 23, 2020
She says, "Rowing daily is tough but it's important that babies & expecting mothers eat nutritious food & be healthy" pic.twitter.com/Y7ObYdVfSE