सामाजिक समरसता का संकल्प: रोहिणी में मनाई गई महर्षि वाल्मीकि जयंती; गुरु रविदास महापीठ का राष्ट्रहित पर ज़ोर

विहिप का उद्बोधन: 'हम सब एक ही ऋषि की संतानें'
कार्यक्रम के प्रेरणास्रोत और मुख्य वक्ता, विश्व हिंदू परिषद के संगठन महामंत्री, मा. मिलिंद परांडे जी ने अपने उद्बोधन में सामाजिक एकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी एक ही ऋषि की संतानें हैं। समय के साथ समाज में आई असमानताओं और कटुताओं को दूर करने का दायित्व हम सबका है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि विश्व हिंदू परिषद सामाजिक समरसता के कार्य में तेजी से जुटी है, और समाज को एक सूत्र में बांधने के इस प्रयास के सुखद परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे।
परांडे जी ने महर्षि वाल्मीकि के बहुआयामी व्यक्तित्व का भी वर्णन किया। उन्होंने बताया कि महर्षि वाल्मीकि न केवल महान लेखक थे, बल्कि 64 युद्ध कलाओं में भी पारंगत थे। उन्होंने ही लव और कुश को युद्ध कौशल तथा रामायण को गाकर सुनाने की कला सिखाई थी। उनके आदर्श व्यक्तित्व के कारण ही उन्होंने प्रभु राम को एक आदर्श राजा के रूप में प्रस्तुत किया। विहिप ने महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाओं के अनुरूप आगे बढ़ने का संकल्प लिया।

गुरु रविदास महापीठ: राष्ट्रीय एकता ही सर्वोपरि
समारोह की अध्यक्षता कर रहे शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री सुरजीत कुमार जी ने सामाजिक समरसता के प्रति अपनी महापीठ की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि हमारा उद्गम एक है और गंतव्य भी एक है, इसलिए समाज में ऊँच-नीच, जाति-पाति का कोई अर्थ नहीं है—हर व्यक्ति समान है।
उन्होंने प्रश्न किया, "जब ईश्वर ने कोई असमानता नहीं दिखाई, तो हम कौन होते हैं समाज को बाँटने वाले?" उन्होंने स्पष्ट किया कि शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ अपनी परंपराओं से बंधे रहकर, राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि मानते हुए राष्ट्र को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। उन्होंने सभी को महर्षि वाल्मीकि जयंती की बधाई दी।
तुगलकाबाद मंदिर स्थल वापसी पर अभिनंदन
इस अवसर पर श्री सुरजीत कुमार जी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि दिल्ली स्थित श्री गुरु रविदास मंदिर, तुगलकाबाद की भूमि सरकार द्वारा 23 सितंबर 2025 को समाज को वापस सौंप दी गई है। उन्होंने इस संवेदनशीलता के लिए सरकार का अभिनंदन किया और समस्त समाज को बधाई दी।
कार्यक्रम में साध्वी रेणुका जी का आशीर्वचन भी प्राप्त हुआ। इस मौके पर वरिष्ठ प्रचारक मा. भाला जी, श्री सुबोध जी (प्रांत संगठन मंत्री, विहिप), श्री ओंकार जी (प्रांत समरसता प्रमुख, विहिप), श्री मनोज कुमार आज़ाद जी (अध्यक्ष, श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ, दिल्ली प्रांत) सहित अनेक प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
