मथुरा के वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने बड़ा खुलासा किया
उन्होंने कहा कि ये सब कृपा तो राधा-रानी की है, उन्होंने पूरा गेम बदल दिया. जैसे वह मुझे चला रहे हैं वैसे मैं चल रहा हूं. कम से कम मेरी उम्र 54 वर्ष है और मुझे 20 सालों से किडनी की समस्या है, लेकिन प्रभू की कृपा है इसलिए आज मैं आपके सामने बैठा हुआ हूं.
प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि 400-500 रुपए का रोज भोजन करता हूं. मेरा कोई भी मित्र हीं है. महाराज जी दावा करते हैं कि मेरे पास 1 रुपए नहीं है. न ही मोबाइल है न आगे कभी रखूंगा. जैसे घर से निकला था वैसा ही आज हूं एक भी चम्मच मेरे नहीं है, सरकारी कागजों में कहीं भी प्रेमानंद लिखा नहीं मिलेगा. न मेरा बैंक एकाउंट है न ही कोई कागज जिनमें प्रेमानंद के साइन की जरूरत पड़े. मैंने कष्टों को अपने गले लगाया है, मैं कष्टों से नहीं डरता हूं. जब मुझे कोई कष्ट होता भी है तो भगवान मुझे अपने गले लगा लेता है.
कोई भी अगर यह बोले कि मेरा कोई मित्र है तो गलत है मेरा कोई मित्र नहीं और कोई दुश्मन नहीं है. मैं अपनी यात्रा पर अकेले निकला हूं, आज भी अकेले ही हूं. उन्होंने बताया कि मुझे 20 साल हो गए वृंदावन में रहते हुए, व्यवस्था तो अब हुई है 10-12 साल पहले, नहीं तो पहले कोई आश्रम वाला रखता नहीं था.
सब सोचते थे किडनी खराब है इलाज कराना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि काशी में जब था तब भिखारी के लाइन में बैठ जाता था, तो कोई न कोई कुछ खाने को दे देता था. क्योंकि मैंने अपने गुरु के आगे नियम लिया था कभी मांगेगे नहीं, पैसे नहीं लेंगे, घाट में रहेंगे जो वहां मिलेगा वो खाएंगे.