सपना तिवारी को बाली, इंडोनेशिया में मिला सम्मान
साहित्य के क्षेत्र मे बलरामपुर जिले की सपना तिवारी की पूर्व प्रतिकुलपति(महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा) ए. अरविंदाक्षन द्वारा संपादित पुस्तक "कृष्णा सोबती से कृष्णा सोबती तक" में "रचनाकार की निगाह में कल और आज:मार्फ़त दिल्ली" नाम से जिले मे शिक्षित हुई सपना तिवारी का लेख प्रकाशित हुआ। सपना तिवारी बलरामपुर जिले की रहने वाली हैं, इन्होंने बलरामपुर मॉडर्न इंटर कॉलेज से अपनी शिक्षा ग्रहण की है।हिन्दी साहित्य मे दिल्ली विश्व विद्यालय से स्नातक और परास्नातक की शिक्षा के बाद साहित्य के लिए समर्पित हो गई। इससे पहले भी इनके कई साक्षात्कार और लेख भिन्न-भिन्न पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा संपादित द्विमासिक पत्रिका "पुस्तक संस्कृति" में सपना कई पुस्तक समीक्षाएँ भी लिख चुकी हैं।
इंडोनेशिया में दो दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव में बलरामपुर जिले की निवासी सपना तिवारी को सम्मानित किया गया है। सपना तिवारी दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज (सांध्य) में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में इस उत्सव में प्रतिभाग कर रही थी।
उन्होंने बताया कि बाली में Universitas Hindu Negeri, Gusti Bagus Sugriwa Denpasar, Bali, Indonesia और साहित्य संचय शोध संवाद संस्थान, के सहयोग से 'सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में राम' विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होंने अपने शोध पत्र के विषय 'भारतीय संस्कृति में संत परंपरा 'पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि 'संतों की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ और मानवतावाद की प्राचीन अवधारणा सदैव प्रासंगिक रहेगी। इस अवधारणा के पुनरुत्थान के लिए क्रांतिकारी चेतना विकसित करना आवश्यक है,भारतीय संस्कृति में संत परंपरा का बहुत महत्व है क्योंकि वह ‘रोटी के एक टुकड़े’ के बदले समाज को अनमोल ज्ञान व संवेदना प्रदान करता है।