विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया
वर्ष 2024 में पृथ्वी दिवस को आयोजन करने हेतु थीम के रूप में ग्रह एवं प्लास्टिक (Planet vs. Plastics) को चुना गया है । संगोष्ठी के आयोजन का शुभारम्भ डॉ० डी० के० श्रीवास्तव, निदेशक, विप्रौप० द्वारा किया गया । कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ० हुमा मुस्तफा, संयुक्त निदेशक द्वारा किया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में डॉ० सी० एम० नौटियाल, पूर्व - वैज्ञानिक, बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान, लखनऊ तथा एस०एम०एस० कॉलेज के महानिदेशक, प्रोफेसर भारत राज सिंह थे । मुख्य वक्ताओं द्वारा पृथ्वी पर मनुष्य की गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले विभिन्न प्रकार के प्रदुषण से सम्बंधित जानकारी प्रदान की गयी ।
प्लास्टिक से होने वाले प्रदुषण पर विशेष प्रकश डालते हुए डॉक्टर सी. एम. नौटियाल द्वारा प्लास्टिक के उपयोग , उसकी रीसाइक्लिंग एवं सिंगल यूज प्लास्टिक से मनुष्य एवं अन्य जीव प्रजातियों पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया गया । डॉक्टर पुनीत कुमार सक्सेना, प्रोफेसर , लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा पृथ्वी एवं जल में होने वाले प्रदुषण को रोकने हेतु आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर जानकारी प्रदान की ।
प्रोफेसर भारत राज सिंह द्वारा माइक्रो प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण एवं जल जीवो पर उसके दुष्प्रभाव से अवगत कराया इसके अतिरिक्त उनके द्वारा ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हिम ग्लेशियर पिघलने के दुष्प्रभावो से श्रोताओं को अवगत कराया गया है । संगोष्ठी में उपस्तिथ सभी लोगो ने पर्यावरण एवं हमारी पृथ्वी को प्लास्टिक के खतरे से बचाने के लिए शपथ ली, यह शपथ डॉ० हुमा मुस्तफा द्वारा सभी को दिलवाई गयी । कार्यक्रम में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (ICAR-CISH) , केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (ICAR-CSSRI), भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (ICAR-IISR) के वैज्ञानिकों, इंटीग्रल विश्वविद्यालय , लखनऊ एवं लखनऊ विश्वविद्यालय , लखनऊ के अध्यापकों एवं शोधार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।