तो Breast को संतरे समझते हैं युवी?
अब आप ये सोच रहे होंगे कि भईया इस तरह से ब्रेस्ट कैंसर को लेकर कौन awareness फैलाता है? तो इसका जवाब है युवराज सिंह, भारत के पूर्व स्टार क्रिकेटर... जी हां, युवराज सिंह महिलाओं के ब्रेस्ट्स को संतरे के रूप में देखते हैं... दरअसल, मामला ये है कि युवराज सिंह YouWeCan नाम से एक NGO चलाते हैं... YouWeCan works extensively in the public health sector in India, जो सबसे ज़्यादा cancer control पर फोकस करता है... जैसा कि आपको मालूम ही है कि युवराज सिंह खुद भी एक कैंसर सरवाइवर हैं, तो बस इसीलिए ही उन्होंने इस तरह की एक Meaningful initiative की शुरुआत की है... ताकि कैंसर के बारे में लोगों को पूरी जानकारी हो और इसे फैलने से रोका जा सके... यकीनन उनकी तरफ से शुरू की गई ये पहल बहुत पॉज़िटिव है, इसका बहुत impact है... लेकिन इसको प्रमोट करने का जो तरीका है वो बड़ा ही अजीब है और शर्मनाक भी...
हुआ दरअसल ये है कि युवराज सिंह की यूवीकैन फाउंडेशन ने एक पोस्टर तैयार किया है... और इसमें लेडीज़ ब्रेस्ट्स को 'संतरे' के रूप में डिफाइन किया गया है... पोस्टर में एक लेडी को बस में खड़े दिखाया गया है, जिसके हाथ में दो संतरे हैं, जबकि कई ओल्ड एज लेडीज़ भी बैठी हुई हैं... इन बुजुर्ग लेडीज़ में से एक के पास संतरे का एक पूरा डिब्बा है... इसके अलावा इस पोस्टर में जो लिखा हुआ है, उसे पढ़ने में किसी भी महिला को awkward फील हो सकता है... इस so called क्रिएटिव पोस्टर में लिखा गया है कि 'हर महीने एक बार अपने 'संतरे' चेक करें...
खैर, जब ये पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो कंट्रोवर्सी शुरु हो गई... दिल्ली मेट्रो के कोच के अंदर चिपकाए गए इस पोस्टर की तस्वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर बहस हो रही है... पोस्टर और गलत wordings के लिए युवराज सिंह के साथ-साथ दिल्ली मेट्रो की भी आलोचना की जा रही है... दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों से इस पोस्टर को जल्द से जल्द हटाने की अपील गई है...
वैसे हो सकता है कि आप ये भी सोच रहे हों कि इन सबमें युवराज सिंह की क्या गलती है... गलती तो युवराज सिंह की ngo और उसमें काम करने वाले लोगों ने की है... तो इतना जान लीजिए कि इस पोस्टर को finalise करने से पहले युवराज सिंह की परमिशन न ली गई हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता... तो इस पोस्टर की सीधी जिम्मेदारी युवराज सिंह पर ही जाती है...
देखिए, युवराज सिंह हमारे देश के स्टार हैं... साल 2011 के वर्ल्ड कप में भारत की जीत के वो ही असल हीरो हैं... उनकी जर्नी काफी इंस्पायरिंग रही है, हमारे दिलों में उनके लिए बहुत ज्यादा रिस्पेक्ट है, लेकिन उनके दिल में भी महिलाओं के लिए थोड़ी रिस्पेक्ट ज़रूर होनी चाहिए, बस मैं इतना ही कहना चाहती हूं... आप as a audience खुद बताइए, क्या मैं कोई गलत बात कह रही हूं?