स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित

तत्पश्चात विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा एमपी तिवारी ने छात्रों को बताया कि कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली परिवार में जन्में विवेकानन्द अध्यात्किता की ओर झुके हुए थे। वे अपने गुरू रामकृष्ण परमहंस देव से काफी प्रभावित थे जिनसे उन्होंनें सीखा कि सारे जीवो में स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व है। इसलिए मानव जाति दूसरे जरूरतमन्दों की मदद करता है या सेवा द्धारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा भाषण, कला एवं एक लघु नाटक का आयोजन किया गया जिसमें भाषण के अन्तर्गत अविशी, आस्था, आलिया, साहवी कौशिकी, आदित्य, अनुष्का, रत्नप्रिया, रिया, श्रेया, तनय, मरियम, मेधावी, सौम्या, विराट, श्लोक एवं वर्णित ने स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर अपना-अपना विचार व्यक्त किया। कला के अन्तर्गत नाव्या, आलिया, दानिया, मारिया, सबा, आराध्या, आशिता, रिद्धी एवं अदिती ने स्वामी विवेकानंद का बहुत मनमोहक चित्र बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। लघु नाटक के अन्तर्गत वर्णित एवं तनय ने स्वामी विवेकानंद जी का बहुत ही मनमोहक अभिनय किया। अंत में ‘स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि‘ के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा एमपी तिवारी नें भाषण, कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं की प्रशंसा करते हुए सभी बच्चों का उत्साहवर्धन किया।