नगर में देश के पांच प्रदेशों से दस समकालीन मूर्तिकारों का हुआ जमावड़ा

Ten contemporary sculptors from five states of the country gathered in the city
Ten contemporary sculptors from five states of the country gathered in the city
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। आठ दिवसीय अखिल भारतीय समकालीन मूर्तिकला शिविर का भव्य शुभारंभ सोमवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से नगर के वास्तुकला एवं योजना संकाय, टैगोर मार्ग परिसर में किया गया। शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रदेश के वरिष्ठ मूर्तिकार पांडेय राजीवनयन ने एक पत्थर पर छेनी से उत्कीर्ण करके किया।

 साथ ही दीप प्रज्ज्वलन भी किया। मुख्य अतिथि ने सभी दस कलाकारों को शिविर में भाग लेने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में मूर्तिकला का सम्बंध पुरातन काल से है। इस प्रकार के शिविर कार्यशाला होते रहने चाहिए। इससे आम जनमानस और नए उभरते कलाकारों, छात्रों को एक ऊर्जा मिलती है साथ ही बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि वास्तुकला में यह शिविर का होना बड़े ही गर्व का विषय है। इस शिविर में बने मूर्तिशिल्प लखनऊ के सौंदर्य में एक मील का पत्थर साबित होंगे। राजीवनयन पांडेय ने कहा कि ऐसे शिविर का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों से आये कलाकारों और उनकी कला से परिचित होने और उन कलाकारों के विचारों से अवगत होना होता है। 


 शिविर के क्यूरेटर डॉ वंदना सहगल ने बताया कि शिविर में देश के पांच राज्यों ( नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और गुजरात) से 10 समकालीन मूर्तिकार (पुरुष और महिला) मूर्तिकार गिरीश पांडेय - लखनऊ, उत्तर प्रदेश, पंकज कुमार - पटना, बिहार, शैलेष मोहन ओझा - नई दिल्ली, राजेश कुमार - नई दिल्ली, सन्तो कुमार चैबे - नई दिल्ली, अजय कुमार - लखनऊ, उत्तर प्रदेश, अवधेश कुमार - लखनऊ, उत्तर प्रदेश, मुकेश वर्मा - लखनऊ, उत्तर प्रदेश, अवनी पटेल - सूरत, गुजरात, निधी सभाया - अहमदाबाद, गुजरात और 6 कार्वर (सहयोगी कलाकार) राजस्थान से शामिल हुए हैं।

देश के सभी दसों कलाकारों का स्वागत उन्हें पुष्प और शिविर के लिए मैटेरियल किट देकर किया गया। उन्होंने कहा कि इस शिविर की तैयारी पिछले एक साल से कर रहे थे जो आज साकार हो रहा है। इसके लिए विशेष रूप से लखनऊ विकास प्राधिकरण का सहयोग महत्वपूर्ण है। साथ ही वास्तुकला एवं योजना संकाय भी सहयोग कर रहा है। शिविर के कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि यह शिविर वास्तुकला एवं योजना संकाय में आठ दिनों तक चलेगा। यहां सभी कलाकार अपने विचारों को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए रात दिन कार्य करेंगे और प्रकृति विषय पर एक-एक मूर्तिशिल्प सृजित करेंगे। उद्घाटन अवसर पर शिविर के अन्य सदस्य धीरज यादव, रत्नप्रिया, हर्षित सिंह, शैलेंद्र कुमार सहित कला के छात्र उपस्थित रहे।

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