यात्रा के समय मास्क के उपयोग से न केवल टीबी, अस्थमा बल्कि अन्य बीमारियों से भी बचा जा सकता है 

Using masks while traveling can prevent not only TB, asthma but also other diseases.
Using masks while traveling can prevent not only TB, asthma but also other diseases.
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ ( आर एल पाण्डेय ).विश्व अस्थमा दिवस पर लखनऊ विश्वविद्यालय समाज कार्य विभाग एवं पंडित दीनदयाल शोध पीठ द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम का अयोजन किया गया। इसका विषय "अस्थमा व टीबी – बचाव व देखभाल" रहा । जिसमें मुख्य अतिथि एवं विशेषज्ञ तथास्तु हॉस्पिटल के सीईओ डॉक्टर गौरी, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर सौरभ वर्मा, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राकेश द्विवेदी,  प्रोफेसर रूपेश कुमार , शोधार्थी व छात्र/छात्राएं मौजूद रहें। कार्यक्रम का आरंभ पंडित दीन दयाल पर पुष्प अर्पित करते हुए किया गया।

कार्यक्रम को आरंभ करते हुए कहा समाज कार्य के विभागाध्यक्ष प्रो राकेश द्विवेदी ने अस्थमा जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर कार्यक्रम आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि आज के समय में वायु व प्रदूषण जनित बीमारियों से सावधान रहने की जरुरत हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल की प्रेरणा से समाज कार्य विभाग स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ समय समय पर अस्थमा, टीबी से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाती रहती हैं। टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेती है। कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञ डॉक्टर गौरी ने बताया कि टीबी एक बैक्टेरिया जनित बीमारी और अस्थमा वायु व प्रदूषण से होने वाली बीमारी हैं, दोनों के ही रोकथाम व इलाज पर पर्याप्त ध्यान देने की जरुरत हैं,

उन्होंने कहा कि यात्रा के समय मास्क के उपयोग से न केवल टीबी, अस्थमा बल्कि अन्य बीमारियों से भी बचा जा सकता है। सरकार ने टीबी को समूल नष्ट करने के लिए डॉट्स नामक इलाज की व्यवस्था की हैं जिसमें छह से आठ माह तक इलाज किया जाता है। टीबी के सामान्य लक्षण वेट लॉस, लो ग्रेड फीवर, भोजन की इच्छा खत्म होने जैसे सामान्य लक्षण दिखते हैं,

ऐसे लक्षण आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वही अस्थमा के सामान्य लक्षण कफ, छींक, सास फूलना जैसे लक्षण दिखते हैं, इसके लिए धूल, हुए, प्रदूषण से बचने के लिए मास्क लगाने की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा आज के समय में पैसिव स्मोकिंग भी अस्थमा का एक बड़ा कारण है इससे बचने के लिए पर्याप्त जागरूकता की जरुरत पर बल दिया। न केवल टीबी, अस्थमा बल्कि अन्य सभी रोगों से बचने के लिए योग, ध्यान और फिजिकल वर्कआउट, साफ सफाई को दैनिक जीवन में अपनाने पर बल दिया। साथ ही साथ मोबाईल के कम इस्तेमाल से रेडिशन से बचा जा सकता ।

यदि परिवार का कोई सदस्य टीबी, अस्थमा जैसे रोगों से पीड़ित है तो उसे नैतिक सपोर्ट दिया जाना चाहिए। समाज कार्य विभाग के प्रोफेसर रूपेश कुमार ने कहा कि यदि इस जागरूकता अभियान से एक व्यक्ति भी जागरुक होता है तो कार्यक्रम सफल रहेगा। कार्यक्रम को समाप्त करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो राकेश द्विवेदी ने समाज कार्य विभाग के छात्र/ छात्राओं व शोध पीठ को ऐसे ही कार्यक्रम आयोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया व सफल आयोजन की बधाई दी।
इस जागरूकता कार्यक्रम में विभाग के छात्र छात्राओं के साथ शिक्षक डॉ. रमेश त्रिपाठी, डॉ. अन्विता वर्मा, फ़ील्ड वर्क पर्यवेक्षक डॉ. मधुशिखा श्रीवास्तव, डॉ. वीरेंद्र त्यागी, डॉ. रणविजय सिंह, डॉ. शिवांगी प्रकाश, अतुल प्रजापति और शोध पीठ के रीसर्च असोसीयट डॉ. रोहित मिश्र उपस्थित रहे।

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