योगी सरकार ने प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को रिसर्च और डेवलपमेंट योजना के तहत शोध कार्यों के लिए स्वीकृत की वित्तीय सहायता
 

Yogi government approved financial assistance for research work to the teachers of state universities of the state under the Research and Development Scheme
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) योजना के तहत शोध कार्यों के लिए 57.38 लाख रुपए की वित्तीय सहायता स्वीकृत की है। यह अनुदान प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध कार्यों की गुणवत्ता में सुधार और नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदान किया गया है।


उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि शोध और अनुसंधान शिक्षा का आधार स्तंभ हैं और प्रदेश सरकार का यह कदम राज्य के विश्वविद्यालयों में शोध और नवाचार को गति प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे हमारे शिक्षण संस्थानों में न केवल शोध की दिशा में नई ऊर्जा का संचार होगा, बल्कि छात्रों को भी विश्वस्तरीय शोध वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक अहम कदम है।


उन्होंने बताया कि इस अनुदान का वितरण उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद, लखनऊ द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर किया जा रहा है। समिति ने विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा रिसर्च और डेवलपमेंट योजना के तहत प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों का विस्तृत परीक्षण किया। विशेषज्ञ समिति की अनुशंसाओं पर सम्यक विचारोपरांत राज्यपाल द्वारा यह अनुदान स्वीकृत किया गया है।

 विश्वविद्यालयों को अनुदान प्राप्त हुआ है, उनमें लखनऊ विश्वविद्यालय, महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय (बरेली), महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (वाराणसी), वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (जौनपुर) और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय (कपिलवस्तु, सिद्धार्थ नगर) शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के अंतर्गत कुल 57,38,800 रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है, जो निर्धारित शर्तों और प्रतिबंधों के अधीन वितरित की जाएगी।


उन्होंने कहा कि प्रदेश की उच्च शिक्षा में यह अनुदान एक मील का पत्थर साबित होगा। हमारा लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश को देश का अग्रणी शोध केंद्र बनाया जाए, और यह अनुदान उस दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार आगे भी प्रदेश के विश्वविद्यालयों को हरसंभव सहायता प्रदान करती रहेगी, ताकि वे शोध और नवाचार में सर्वोत्तम प्रदर्शन कर सकें।

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