अंधविश्वास की यही कहानी, अमृत लगे एसी का पानी!

 AC water mistaken for 'Charan Amrit' at Banke Bihari Temple, Vrindavan.. What's Your Thoughts?
 
अंधविश्वास की यही कहानी, अमृत लगे एसी का पानी!
हिंदू खतरे में है, मुसलमान खतरे में है..आजकल ये बातें ट्रेंड में बनी हुई हैं.  एक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है जिससे ये साबित हो सके कि एक धर्म को, एक संप्रदाय को दूसरे धर्म और संप्रदाय से खतरा है... हालांकि, है बिल्कुल इससे अपोज़िट. आज की तारीख में किसी धर्म को दूसरे धर्म से कोई खतरा नहीं है,

धर्मगुरुओं ने लोगों की भावनाओं के साथ उनके Emotions के साथ खिलवाड़ रहे 

क्योंकि किसी धर्म को नुकसान पहुंचाने के लिए उस धर्म को मानने वाले लोग ही काफी हैं... कहने का मतलब समझे आप मेरा? दरअसल मैं ये बताना चाह रही हूं कि आज का इंसान बहुत धार्मिक बना फिर रहा है, अपने धर्म का बहुत सच्चा पालक बना फिर रहा है, लेकिन उसे ये नहीं पता कि इनडायरेक्टली वो अपने धर्म को बदनाम करता फिर रहा है... तो अब आप ही बताइए कि दूसरे धर्म और उसको मानने वाले लोगों की क्या मजाल कि वो आपके धर्म को किसी किस्म का नुकसान पहुंचाएंगे?

मैं ये बात क्यों कह रही हूं, इसकी दरअसल एक बहुत बड़ी वजह है... ये बताइये, क्या आपको मालूम है कि इन दिनों हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती, सबसे बड़ा चैलेंज क्या है? धर्म और आस्था के नाम पर हो रहे आडंबर को रोकना, साथ ही उससे बचे रहना... जी हां, मंदिरों, तीर्थ स्थलों, और so called धर्मगुरुओं ने लोगों की भावनाओं के साथ उनके Emotions के साथ खिलवाड़ कर, उन्हें अंधविश्वास और दिखावे की दुनिया में फंसा दिया है... आस्था आपको विश्वास की ओर ले जाती है और अंधविश्वास अक्सर विश्वासघात की ओर... आस्था आपके अंतरमन के विश्वास का प्रतीक होती है जो हम ईश्वर पर करते हैं... और अंधविश्वास आपके मन में छुपे किसी डर की तरह होता है... और इसके उदाहरण हमें समय-समय पर देखने को मिलते रहते हैं...

कल से वृंदावन के एक मंदिर का ऐसा वीड‍ियो वायरल हुआ

एक लेटेस्ट उदाहरण पर आज हम अपनी रिपोर्ट में बात करने वाले हैं, क्योंकि हमें ऐसा लगता है कि इस पर बात करना अब बेहद ज़रूरी हो गया है, अब अगर हमने आंखें नहीं खोलीं, तो हम अपने आने वाली जनरेशन को अंधविश्वास के एक ऐसे दलदल में डुबो कर जाएंगे जहां से फिर उनका उस दलदल से बाहर निकलना नामुमकिन हो जाएगा...

दरअसल सोशल मीडिया पर कल से वृंदावन के एक मंदिर का ऐसा वीड‍ियो वायरल हुआ है, ज‍िसने बड़ा सवाल खड़ा कर द‍िया है... वायरल हो रहे इस वीड‍ियो में लोग मंदिर में भगवान के दर्शन करने के बाद, दीवार पर बने एक Source से बहता हुआ पानी लोग भगवान कृष्‍ण का चरणामृत समझकर पी रहे हैं... लेकिन असल में ये पानी कोई पव‍ित्र चरणामृत नहीं बल्‍कि AC से निकलने वाला पानी है...

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये वीडियो मथुरा के बांके बिहारी मंदिर का है... यहां एक हाथी की मूर्ति से टपकते पानी के लिए भक्त लाइन लगाए खड़े दिख रहे हैं... कई लोग इस पानी को चम्मच या अपने हाथों में भरकर पी रहे थे, क्‍योंकि इसे लोग भगवान के चरणों का जल मान रहे थे... लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली... इस हाथी की मूर्ति से टपकने वाला पानी असल में वहां लगे एसी का था... इतना ही नहीं, मंदिर के पुजारी और पंड‍ित भी इस बात का खंडन कर चुके हैं कि ये पानी ‘चरणामृत’ नहीं है बल्‍कि एसी का पानी है... वीडियो बनाने वाले शख़्स ने भक्तों को ये बताया भी कि ये पानी भगवान के चरणों से नहीं बल्कि एसी का है... लेकिन फिर भी लोग इसे पीने से बाज़ नहीं आए...

AC का पानी असल में हवा से condensation से जमा होता है

इन लोगों को ये नहीं मालूम कि चरणामृत समझकर जो ये एसी का पानी पी रहे हैं, वो कितना खतरनाक है... AC का पानी असल में हवा से condensation से जमा होता है, जिसमें धूल, पराग और केई सारे airborne pollutants मिल सकते हैं... चूंकि एसी का वातावरण नमी से भरा होता है, लंबे समय तक एसी में जमा पानी में माइक्रोबियल ग्रोथ हो सकती है, जो कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है... इसके अलावा, एसी के पानी में refrigerant, lubricants और metals के particles मिल सकते हैं... Refrigerants जैसे hydroflorocarbon या chlorofluorocarbon कभी-कभी लीक होकर पानी को बुरी तरह से pollute कर सकते हैं... Lubricants के साथ compressor में इस्तेमाल होने वाले बाकि केमिकल भी पानी में जा सकते हैं... समय के साथ एसी के internal parts में जंक लगने से उसमें लेड, कॉपर या एल्युमिनियम जैसे Metals मिल सकते हैं, जो कि पीने के लिए बेहद Harmful हैं.

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