तीन प्रतिष्ठित फार्मा वैज्ञानिकों को इस वर्ष "फार्मा रत्न 2024" से नई दिल्ली में सम्मानित करेगा फार्मेसिस्ट फेडरेशन
उक्त आशय की जानकारी आज फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार, और साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डा हरलोकेश ने दिया । उन्होंने बताया कि आज से इंडियन फार्माकोलॉजिकल सोसायटी की 2 दिवसीय सेमिनार पूर्व कार्यशाला प्रारंभ हुई जो कल भी जारी रहेगी । कार्यशाला में विभिन्न रिसर्च संबंधी प्रयोग होंगे । इसके बाद 3 दिवसीय सम्मेलन 30 तक चलेगा । आर्गनाइजिंग सचिव डा हरलोकेश के अनुसार सेमिनार को भारत के अलावा 13 अन्य देशों के प्रतिष्ठित लगभग 100 वैज्ञानिक वक्ता संबोधित करेंगे ।
फार्माकोलॉजी सम्मेलन में नवीनतम वैज्ञानिक खोजों, अत्याधुनिक तकनीकों में नवीन दृष्टिकोणों, सटीक चिकित्सा, नैनोमेडिसिन आदि में प्रगति को उजागर किया जा रहा है। इसके अलावा, फार्मास्यूटिकल विज्ञान में एआई अनुप्रयोगों और रोगी-केंद्रित उपचारों पर विशेष जोर दिया जाएगा। अनुसंधान दवा विकास को नया रूप दे रहा है, नैदानिक परीक्षणों को अनुकूलित कर रहा है और चिकित्सीय परिणामों में सुधार कर रहा है, इस बारे में प्रतिनिधियों द्वारा चर्चा होगी । सम्मेलन फार्माकोलॉजी में नवीनतम शोध और नवाचारों को एक साथ लाने के लिए एक अद्वितीय मंच है ।
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय).फार्मास्यूटिकल साइंस को नेतृत्व देने, इस विशिष्ट क्षेत्र में योगदान, शोध और ज्ञान से औषधि विज्ञान को नवीन दिशा देने वाले फार्मा विशेषज्ञ, NIPER हैदराबाद के फाउंडर निदेशक प्रो पी वी दीवान, एम्स जम्मू के अध्यक्ष प्रो. वाई.के. गुप्ता, इंडियन फार्माकोलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष डॉ शिव प्रकाश को फार्मेसिस्ट फेडरेशन की राष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति की संस्तुति पर "फार्मा रत्न -2024" की उपाधि से सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया गया है । यह सम्मान एम्स नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फार्माकोलोजी सम्मेलन के अंतिम दिन सम्मान समारोह में 30 नवंबर को दिया जाएगा ।
उक्त आशय की जानकारी आज फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार, और साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डा हरलोकेश ने दिया । उन्होंने बताया कि आज से इंडियन फार्माकोलॉजिकल सोसायटी की 2 दिवसीय सेमिनार पूर्व कार्यशाला प्रारंभ हुई जो कल भी जारी रहेगी । कार्यशाला में विभिन्न रिसर्च संबंधी प्रयोग होंगे । इसके बाद 3 दिवसीय सम्मेलन 30 तक चलेगा । आर्गनाइजिंग सचिव डा हरलोकेश के अनुसार सेमिनार को भारत के अलावा 13 अन्य देशों के प्रतिष्ठित लगभग 100 वैज्ञानिक वक्ता संबोधित करेंगे ।
फार्माकोलॉजी सम्मेलन में नवीनतम वैज्ञानिक खोजों, अत्याधुनिक तकनीकों में नवीन दृष्टिकोणों, सटीक चिकित्सा, नैनोमेडिसिन आदि में प्रगति को उजागर किया जा रहा है। इसके अलावा, फार्मास्यूटिकल विज्ञान में एआई अनुप्रयोगों और रोगी-केंद्रित उपचारों पर विशेष जोर दिया जाएगा। अनुसंधान दवा विकास को नया रूप दे रहा है, नैदानिक परीक्षणों को अनुकूलित कर रहा है और चिकित्सीय परिणामों में सुधार कर रहा है, इस बारे में प्रतिनिधियों द्वारा चर्चा होगी । सम्मेलन फार्माकोलॉजी में नवीनतम शोध और नवाचारों को एक साथ लाने के लिए एक अद्वितीय मंच है ।