घोटालो में फंसी, डरी हुई आप सरकार कर रही योजनाओं की झूठी घोषणाएं
Trapped in scams, scared AAP government making false announcements of schemes
Tue, 24 Dec 2024
मृत्युंजय दीक्षित - आगामी वर्ष 2025 के आरम्भ में देश का दिल मानी जाने वाली दिल्ली तथा अंत में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है। 2024 में हरियाणा और महाराष्ट्र के कठिन विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला राजग अपेक्षाकृत उत्साह में है किन्तु कांग्रेस भी अपना पुराना गढ़ दिल्ली वापस पाने को मचल रही है उधर वर्तमान में दिल्ली की सत्ता में जमी आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के साथी ही अपने उम्मीदवार भी घोषित करने प्रारम्भ कर दिए हैं।
विगत विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत से सत्ता प्राप्त करने वाले, अपने आप को आम आदमी कहने वाले अरविंद केजरीवाल के लिए इस बार वापसी की राह आसान नहीं लग रही है क्योंकि अब वह पूर्व की तरह आम आदमी होने का दावा नहीं कर सकते हैं। सरकारी तंत्र व अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके उन्होंने अपने लिए जो शीश महल बनवाया है उसकी चर्चा हर जुबान पर है और उसकी जांच भी चल रही है, अरविंद अब महँगी गाड़ियों में चलते हैं, उन पर शराब घोटाले की जांच की फांस फंसी है है। इसके अतिरिक्त उनकी सरकार में मंत्री रहे लोगों पर कई घोटालों के आरोप हैं और सभी की जांच चल रही है।
अरविंद आजकल बिना किसी आधार के लोक लुभावन योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं जिससे पता चलता है कि उनके मन में अपनी विजय को लेकर संदेह है। अरविंद केजरीवाल भाजपा को हराने के लिए हर दांव चल रहे हैं। वह भाजपा को घेरने के लिए कानून व्यवस्था का मुद्दा उठा रहे है और चाहते हैं कि किसी भी प्रकार से दिल्ली की पुलिस उनके अधिकार क्षेत्र में आ जाये किंतु वह संभव नहीं है क्योंकि एक तो दिल्ली देश की राजधानी है और दूसरे पूर्ण राज्य नहीं है।
आजकल दिल्ली के उपराज्यपाल के आदेशों के बाद दिल्ली में बसे अवैघ बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं की पहचान करके उन्हें राजधानी से बाहर करने का अभियान चलाया जा रहा है और अब तक 175 संदिग्धों की पहचान हो चुकी है। यह मुद्दा आप नेताओं को परेशान कर रहा है क्योंकि यह उनके वोट बैंक से जुड़े लोग हैं। यही कारण है कि आप नेता अब केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का एक पुराना बयान दिखाकर भाजपा पर झूठा आरोप लगा रहे है कि राजधानी दिल्ली में बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को बसाने का काम भाजपा ने किया है जबकि वास्तविकता यह है कि दिल्ली में दो बार से आप की दो तिहाई बहुमत वाली सरकार चल रही है और इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी। जब से दिल्ली में विधानसभा बनी है तभी से दिल्ली को कांग्रेस और आप ने ही लूटा- खसोटा है। दिल्ली में भाजपा बहुत अल्प समय के लिए ही सत्ता में रही है और यही कारण है कि भाजपा पर इस तरह का कोई भी आरोप नही लग पा रहा है।
अरविन्द इस बार किसी भी प्रकार दिल्ली का चुनाव जीतकर यह सिद्ध करना चाहते हैं कि उन पर लगे शराब तथा अन्य घोटालों के आरोप झूठे हैं तथा जनता ने उन्हें बरी कर दिया है और फिर जांच एजेंसियों तथा न्यायालय पर मानसिक दबाव बनाएंगे।
यही कारण है कि कई घोटालों में फंसा हुआ आम आदमी अरविन्द एक के बाद एक ऐसी घोषणाएं कर रहा है जो यह इंगित करती हैं कि उसको पता चल गया है कि इस बार वापसी की राह बहुत आसान होने नहीं है।
आप पार्टी की सरकार व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ऑटो वालों से लेकर बुजुर्गों के इलाज के लिए संजीवनी स्कीम तथा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नक़ल कर हर महिला के खाते में एक हजार रूपये से लेकर 2500 रूपये तक डालने की योजना की घोषणा कर चुके हैं।आप पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना व 70 वर्ष से ऊपर की आयु के बुजुर्गो के लिए चलाई जा रही योजना का लाभ दिल्लीवासियों को नहीं दे पा रहे हैं और उसके लिए उनके पास धन नहीं बचा है किन्तु वह जनता को रिझाने के लिए एक नई संजीवनी योजना लेकर आए हैं जिसके अंतर्गत बुजुर्गों की आयु सीमा को 60 वर्ष कर दिया गया है। फिलहाल यह माना जा रहा है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आटो वालो, महिलाओं व बुजुर्गों तथा दलित छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने जैसी घोषणाएं करके भाजपा को दबाव में ला दिया है और कांग्रेस की धार को कुंद किया है।
पिछले कुछ महीनों में हुए विधानसभा चुनावों में राजनैतिक दलों ने ऐसी कई घोषणाएं करी थीं जिनमें से महिला संबंधी घोषणाओं का प्रत्यक्ष असर देखने को मिला था। यही कारण है कि घोटालों में गले तक फंसी हुई आप पार्टी इस तरह की घोषणाएं करके जनता को बरगला कर चुनाव जीतना चाहती है।
इस बार दिल्ली में कांग्रेस के साथ आप का चुनावी समझौता नहीं हुआ है और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित पूरी ताकत के साथ अपनी मां के अपमान का बदला लेने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। यही कारण है कि घोटालों व चुनावों के बाद जेल जाने से बचने के लिए डरी हुई आप पार्टी कांग्रेस के साथ पिछले दरवाजे से बातचीत कर भी रही है। वहीं बसपा और ओवैसी की पार्टी भी दिल्ली में मैदान में उतरने के मूड में है और एआईएआईएम नेता ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को अपने दल में शामिल करते हुए टिकट देकर दिल्ली चुनावों अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास किया है।
भाजपा ने अभी भी दिल्ली में अपने पत्ते नहीं खोले हैं किन्तु लगता है भाजपा का भी प्लान तो तैयार हो ही चुका है। इस बार भाजपा हर विधानसभा क्षेत्र को कवर करती हुई विजय संकल्प यात्राएं निकाल रही है तथा जनता व मतदाताओं से अभी से ही संपर्क पर विशेष ध्यान दे रही है।