जब आपको आत्म ज्ञान हो जाता है तब काम क्रोध से मुक्ति मिल जाती है

गंगा में नहाने से पाप, यमुना में नहाने से पुण्य, सरस्वती में नहाने से पारालब्ध कटता है कथा सुनने का मन बनाने से ही श्रीकृष्णा उसके हृदय में विराजमान हो जाते है द्वारिकाधीश में मीरा समा गयी।कथा में भगवान चित पर विराजमान होते है कई बार हमें बोध नहीं होता है कि हमारे चित में भगवान है जिस दिन यह मालूम हो जाता है उस दिन से प्रेम ही बदल जाता है।
सबसे पहले भगवान कान में आते है उसके बाद अनुभव में, उसके बाद बुद्धि में, फिर मन में, फिर स्वभाव में, अनुभूति में फिर हृदय में प्रवेश करते है फिर चित में प्रवेश करते है।जब हम योग साधन करते है तब काम, क्रोध भय आदि से मुक्ति मिल जाती है जिस तरह समुद्र में ऊपरी सतह पर लहर होती है अंदर नही होती है इसी प्रकार जब आपको आत्म ज्ञान हो जाता है काम क्रोध से मुक्ति मिल जाती है।वराह वाणी से बोला गया शब्द कथा होती है
दुनिया में सबसे बड़ा सत्य है मारना है उसकी वार्ता कहीं नहीं होता है क्योंकि मरने से हम लोग डरते है जीवन में काल अनिश्चित है जिस पर प्रतिदिन चर्चा होनी चाहिएसुकदेव जी ने कहा है प्रतिदिन अनुभूति करना चाहिए मेरी शरीर ही नष्ट होता है आत्मा नहीं जब शरीर से थोड़ी आत्मा दूरी बनता है तभी सन्यास होता हैकथा में बैठने से आत्मा रंजन करती हैराधारमण लाल की जयकारों से पण्डाल गूंज उठा। सभी भक्त राधा संर्कीतन में लीन होकर आरती की साथ कथा का समापन किया गया।
पूरा पंडाल राधामय भजनों गुंजता रहा महाराज जी के साथ गुनगुनाते रहे, सभी भक्त मंत्रमुग्ध होकर सुना। आयोजक अमरनाथ मिश्र ने बताया कि हजारों की संख्या में भक्त कथा प्रारम्भ होने से पहले पण्डाल में बैठ गये भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। आज की कथा में मुख्य रूप से विधान परिषद सदस्य के मुकेश शर्मा जी आयोजक अमरनाथ मिश्र, R.N.सिंह राजेंद्र कुमार अग्रवाल लोकेश अग्रवाल, नवीन गुप्ता, शिवम बंसल, आनन्द रस्तोगी, राहुल गुप्ता सुनील मिश्र, मनोज राय, कुश मिश्रा, अनुराग मिश्र, चारू मिश्रा, हनी शुक्ला सिद्धार्थ दीक्षित आदित्य अग्रवाल आदि के साथ हजारों राधारमन भक्त उपस्थिति रहें।कल भगवान का जन्म होगा जो की जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाएगा . 23 जनवरी को दोपहर 1:00 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस महाराज जी द्वारा की जाएगी।