स्वयं सहायता समूह से जुडक़र महिलाएं सामाजिक व आर्थिक रूप से हो रहीं सशक्त: श्री सुनील कुमार यादव
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद उनकी कार्य दक्षता का उत्कृष्ठï उदाहरण है। जल्द ही महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को वृहद बाजार उपलब्ध कराने के लिए एक ऐसा मंच या प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे महिलाओं को उनकी मेहनत का सही पारितोषिक मिल सके। उक्त बातें आज सूडा भवन में श्री सुनील कुमार यादव, निदेशक, डे-एनयूएलएम, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने कहीं।
आज दिनांक 16.12.2024 को श्री सुनील यादव, निदेशक, डे-एनयूएलएम, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने पाइलट प्रोजेक्ट (शहरी गरीबी उन्मूलन हेतु नया मिशन) के रूप में लखनऊ में संचालित हो रही योजना की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान श्री सुनील यादव ने एसएचजी की सदस्यों से संवाद भी किया तथा तथा उनके सम्मुख आने वाली चुनौतियों व उनके निस्तारण पर चर्चा की। उक्त समीक्षा बैठक में सहायक निदेशक सूडा श्रीमती मोनिका वर्मा, परियोजना अधिकारी डूडा लखनऊ / एसीएम श्री चंद्रकांत त्रिपाठी ने भी प्रतिभाग किया तथा बड़ी संख्या में विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
इसके उपरांत निदेशक डे-एनयूएलएम श्री सुनील कुमार यादव ने सूडा भवन में संचालित होने वाली शक्ति रसोई का निरीक्षण भी किया। उन्होंने शक्ति रसोई का संचालन करने वाली महिलाओं से वार्ता की तथा उनकी कार्य प्रणाली के विषय में विस्तार से जानकारी भी हासिल की।
इसी क्रम में निदेशक डे-एनयूएलएम श्री सुनील कुमार यादव ने जोन-5 गीतापल्ली में स्थित शेल्टर होम का भ्रमण भी किया। यहां पर उन्होंने आश्रय लेने वाले लोगों से बातचीत की तथा शेल्टर होम के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि लोगों में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार होने से जरूरतमंद लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके साथ उन्होंने कहा कि मौसम को देखते हुए समय-समय मोबलाइजेशन किया जाए।