Ram Mandir Ayodhya News: क्यों रामलला मंदिर को नहीं पड़ेगी हजार साल तक रिपेयरिंग की जरुरत | 

What Is The Current Status Of Construction Of Ram Mandir In Ayodhya? अयोध्या राम मंदिर निर्माण न्यूज़

Ram Mandir Ayodhya

Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर अयोध्या

Ram Mandir Ayodhya Opening Date: राम मंदिर का उद्घाटन कब है

Ram Janmabhoomi News: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

क्या आपको पता है कि आखिर क्यों अयोध्या में राम लला के मंदिर को 1000 साल तक किसी तरह के रिपेयरिंग की जरुरत नहीं पड़ेगी। यहां तक कि राम मंदिर के ट्रस्टी का दावा है कि 6.5 तीव्रता का भूकंप भी इसकी नींव नहीं हिला पायेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि मंदिर की नींव इतनी मजबूत है कि भूकंप भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा। राम मंदिर निर्माण का पहला चरण लगभग पूरा होने वाला है। अयोध्या के राम लला मंदिर को प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत भाई सोमपुरा के नेतृत्व में उनकी एक टीम द्वारा डिजाइन किया गया है। इस मंदिर का निर्माण किसी साधारण स्टील या आम सीमेंट से नहीं किया गया है बल्कि इसे बनाने के लिए खास वस्तुओं का उपयोग किया गया है जो इसे ऐतिहासिक पत्थर के बने किलों जितना मजबूत बनाते हैं। 

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राजस्थान के बलुआ पत्थर का हुआ है इस्तेमाल। 

बता दें, इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। मंदिर को बनाने के लिए मुख्य रूप से राजस्थान के मिर्जापुर और बंसी पहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्थर और carved संगमरमर के इस्तेमाल से बनाया गया है। इन पत्थरों से अशोक के समय में पिलर का निर्माण किया जाता था। कई अन्य ऐतिहासिक इमारतें जैसे दिल्ली का लाल किला और फतेहपुर सीकरी के किले के निर्माण में इसी तरह के पत्थरों उपयोग किया गया है। संगमरमर का इस्तेमाल नक्काशी के लिए किया गया है। साथ में इसमें करीब 17000 ग्रेनाइड पत्थरों का उपयोग किया गया है जिनका प्रति पत्थर वजन 2 टन है। 

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नींव की मिट्ठी बदल जाएगी पत्थर में। 

बताया जा रहा है कि राम मंदिर की नींव करीब 40 से 50 फीट गहरी है जोकि किसी आम इमारत से कहीं ज्यादा है। जानकारी के अनुसार नींव को भरने के लिए इस्तेमाल की जा रही मिट्टी 28 दिनों में पत्थर में बदल जायेगी। जोकि नींव को बहुत ही ज्यादा मजबूती देगी और इसके लिए मिट्टी की कुल 47 परतें बिछायीं गयी हैं। मंदिर के निर्माण में अब तक 21 लाख क्यूबिक फीट ग्रेनाइट, बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि 1992 के 'शिला दान' के दौरान और उसके बाद दान की गई सभी ईंटों का उपयोग मंदिर के निर्माण में किया गया है। 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी वहीं 27 जनवरी से आम लोग राम लला के दर्शन के लिए जा सकेंगे। 


 

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