Border–Gavaskar Trophy : नंबर-1 टेस्ट बॉलर जसप्रीत बुमराह भारतीय पेस अटैक को लीड करेंगे
Border–Gavaskar Trophy : भारतीय क्रिकेट टीम को अपनी धरती पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज हार चुकी है। इस सीरीज के बाद टीम इंडिया के सामने ऑस्ट्रेलिया दौरा बड़ी चुनौती साबित होगी। वहां भारत लगातार तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर हराते हुए बॉर्डर-गावसकर ट्रोफी को अपने कब्जे में रखने की कोशिश करेगा। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में स्पिनर्स ज्यादा ओवर्स डाल रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया में पेसर्स की भूमिका अधिक होगी। उन्हें अधिक ओवर्स डालने पड़ सकते हैं। नंबर-1 टेस्ट बॉलर जसप्रीत बुमराह भारतीय पेस अटैक को लीड करेंगे। ऑस्ट्रेलिया में प्लेइंग इलेवन में कम से कम तीन पेसर्स आवश्यक होंगे। ऐसे में भारतीय थिंक टैंक के सामने चुनौती होगी कि बुमराह के साथी बॉलर्स के तौर पर टीम में शामिल अन्य स्पेशलिस्ट पेसर्स में किसको रखा जाए।
भारत को दौरे पर सीनियर पेसर मोहम्मद शमी की सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। साल 2023 में वनडे वर्ल्ड कप फाइनल के बाद एक भी मुकाबला नहीं खेला है। वह एड़ी में लगी चोट से रिकवर कर रहे हैं। पहले उन्हें न्यूजीलैंड सीरीज में वापसी करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने नेट्स पर बोलिंग कर अपने को फिट बताया था। मगर उन्हें ऑस्ट्रेलिया का टिकट नहीं मिल सका। टीम के पास वैसे तो मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, प्रसिद्ध कृष्णा, हर्षित राणा और नितीश राणा के ऑप्शंस हैं। इनमें से किसको इलेवन में जगह मिलेगी, इसका फैसला काफी सूझबूझ के साथ करना पड़ेगा।
सिराज के पास पिछले दौरे का अनुभव है और यह तय है कि वह बुमराह के बाद टीम के लिए दूसरे ऑप्शन होंगे। वैसे सिराज का पिछले दो साल का प्रदर्शन टेस्ट में उनकी शुरुआत की तरह अच्छा नहीं रहा है। अपने पहले 11 टेस्ट मैच में सिराज ने 27.94 के औसत और 54.8 के स्ट्राइक रेट से 36 विकेट लिए थे।
अगले 19 टेस्ट में उनका औसत 32.47 हो गया। भारत को ऑस्ट्रेलिया की परिस्थितियों के हिसाब से तीसरे पेसर का चुनाव करना होगा। पिछले कुछ मैचों में इलेवन में रहे आकाश दीप होड़ में रहेंगे। घरेलू क्रिकेट में उम्दा प्रदर्शन के दम पर टीम में अपनी जगह बनाने वाले आकाश ने अपनी स्पीड से प्रभावित किया है।
भारतीय थिंक टैंक के पास प्रसिद्ध कृष्णा, हर्षित राणा के रूप में अन्य विकल्प भी मौजूद हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने मयंक यादव की भी वकालत की थी। मगर मयंक चोट से उबर नहीं पा रहे और वह फिलहाल टी20 टीम में चुने जाने के लिए भी फिट नहीं हैं।
हर्षित के पास भी अच्छी स्पीड है।भारतीय टीम काफी समय से टेस्ट में एक पेस ऑलराउंडर की कमी से जूझ रही है। इसकी कमी अक्सर (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों के दौरों पर जाने से उजागर हो जाती है। एक समय पर इस कमी को हार्दिक पंड्या पूरी कर रहे थे, लेकिन एक बार चोटिल होने के बाद इस भारतीय ऑलराउंडर ने अपना पूरा फोकस वाइट गेंद करियर पर लगा दिया।
इसके बाद से भारतीय टीम शार्दुल ठाकुर को मौके देती रही है।
शार्दुल का प्रदर्शन बतौर पेस बॉलिंग ऑलराउंडर बहुत उम्दा नहीं रहा है। उन्होंने गेंद से तो औसत काम किया है, लेकिन बल्ले से वह 15 पारियों में सिर्फ 18.40 के औसत से 276 रन जोड़ने में सफल रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने तीन फिफ्टी जमाई हैं। हाल ही में टी20 में डेब्यू करने वाले नितीश कुमार रेड्डी को भी पेस बोलिंग ऑलराउंडर के रूप में बॉर्डर-गावसकर सीरीज में इस्तेमाल किया जा सकता है। वह अगर बॉलिंग के अलावा बैटिंग में उम्दा प्रदर्शन करते हैं तो प्लेइंग इलेवन का बैलेंस काफी हद तक अच्छा हो जाएगा।