चंद्रयान 3 का आपके पितरों से क्या है कनेक्शन
तब भीष्म पितामह कहते हैं कि जो श्वेत कुमार ने मार्कण्डेय से कहा था वही मैं बताता हूं |
पत्रकारों ने पूछा चंद्रयान 2 की विफलता का कारण
मरने के बाद हमारे पूर्वज चंद्र लोक में चले जाते हैं, वह भी चंद्रमा के उस तरफ जहां साल भर अंधेरा रहता है। जब मैंने इसे पढ़ा तो मुझे 2019 में इसरो प्रमुख के सिवन की प्रेस कॉन्फ्रेंस की याद आ गई जब पत्रकारों ने उनसे चंद्रयान 2 की विफलता का कारण पूछा था।फिर पत्रकारों को जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि भारत का चंद्रयान इसलिए फेल हो गया क्योंकि उसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा गया जहां सूरज की रोशनी नहीं है | उपरोक्त सन्दर्भ से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत के महर्षियों का विज्ञान का ज्ञान कितना उन्नत था।जो बात इसरो प्रमुख ने 2019 में बताई वो हमारे पूर्वजों ने 8000 हजार साल पहले लिख दी थी |
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चंद्रयान 3 के पीछे कई कारण हैं
ISRO भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है और यह अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की नेतृत्व करने की महत्वाकांक्षा रखती है। चंद्रयान 3 एक ऐसा मिशन है जो भारत को चंद्रमा पर अपने अनुसंधान को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। चंद्रमा पर भारत की उपस्थिति को मजबूत करने के लिए चंद्रयान 3 एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मिशन भारत को चंद्रमा पर अपने वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्वेषण कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
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चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग
यह मिशन भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बनने में मदद करेगा। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव पानी और अन्य खनिजों के लिए एक संभावित स्रोत है इसलिए इस क्षेत्र का अन्वेषण महत्वपूर्ण है। चंद्रयान 3 के लैंडर और रोवर्स चंद्रमा की सतह पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इन प्रयोगों का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति विकास और भविष्य के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना है।