प्राइवेट स्कूल की सच्चाई

 

प्राइवेट स्कूल अब विद्यालय नहीं मॉल हो गए हैं!

वहां किताबें बिकती है, कपडे, बिकते हैं, जूते

बिकते है, मोजे, बिकते हैं, ट्यूशन के मास्टर बिकते

हैं! और कुछ स्कूलों में धर्म भी बिकता है, तथा

सबसे अन्त में 'शिक्षा' बिकती है और ये सारे

सामान लागत मूल्य से दस गुनें पर बेचें जातें हैं!

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