पितृ के नाराज होने के क्या हैं संकेत

 
सनातन धर्म में पितृपक्ष का बड़ा महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से प्रारंभ होता है. और आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर खत्म हो जाता है. इन 15 दिनों के दौरान लोग पितरों को याद कर उनके निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करते हैं. माना जाता है कि पितृ नाराज हो जाए तो जीवन में उथल-पुथल मचा सकते हैं.  तो आज हम  उनके नाराज़ होने के संकेत जानेगें। जैसे की आप किसी काम को करने की सोच रहे हैं और लगातार उसमें बाधाएं आ रही हैं
तो इसका अर्थ है कि पितृ आपसे नाराज हैं. यदि परिवार में किसी के साथ अक्सर खाना खाते समय भोजन में बाल निकलता है, तो इसे नजरअंदाज न करें. हिन्दू मान्यता के अनुसार, यह पूर्वजों के नाराज होने की अहम निशानी है. यदि आपके घर में बिना किसी कारण के काफी लड़ाई-झगड़े और मनमुटाव रहता है. तो ये भी पितृ दोष का कारण हो सकता है. और इसके निवारण के लिए आपको घर में पितरों की हंसती-मुस्कुराती तस्वीर लगानी चाहिए। साथ ही पितृपक्ष में श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान जरूर करें. पितरों की तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं.

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