विवाह में क्यों लगाया जाता है मंडप

 
देवउठनी एकादशी के बाद शादी विवाह का सीजन शुरु हो चुका है. हर जगह शहनाई बजनी शुरु हो गई है. हिन्दू धर्म मे शादी विवाह 16 संस्कारो मे से एक है. शादी विवाह में कई प्रकार के रस्म निभाई जाती है. वहीं शादी मे एक मंडप भी बनाया जाता है और उसी मंडप के नीचे विवाह सम्पन्न होता है.
लेकिन क्या आप जानते है कि शादी मे मंडप का महत्व क्या है? देखिये विवाह एक यज्ञ के समान होता है और यज्ञ में राक्षसों का भी आगमन होता है. जो विघ्न उत्पन्न करते है. उन्ही विघ्न से बचने के लिए एक मंडप तैयार किया जाता है. उस मंडप मे सभी देवी देवता वास करते हैं और विवाह को शुभ तरीके से संपन्न कराते है. आपको बता दें कि मंडप लोहे का भूल कर भी नहीं बनना चाहिए. मंडप हमेशा आम की लकड़ी, महुआ की लकड़ी या फिर केले के थंब से तैयार करना चाहिए. माना जाता है केले मे भगवान विष्णु वास करते है. ये मंडप चार खम्भे का होता है जो धर्म, कर्म, अर्थ और मोक्ष का प्रतीक भी माना जाता है.

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