क्यों बाँधा जाता है हाथों में कलावा

 

सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है. पूजा के दौरान आपने देखा होगा कि पुजारी हाथों में कलावा बांधते हैं. मान्यता है कि हाथ में कलावा बांधने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हाथ के अलावा तुलसी, शमी, पीपल, केला और बरगद के पेड़ पर कलावा क्यों बांधा जाता है?

अब सवाल है कि आखिर हाथ के अलावा इन पेड़ों में कलावा क्यों बांधते हैं? तो आपको बता दें की लाल कलावा कच्चा सूत होता है, जो पवित्र होता है. और हिंदू धर्म में अखंड सौभाग्य, आरोग्य और सुख-समृद्धि के लिए कई वृक्षों की पूजा की जाती है. जिससे उन पर देवताओं का आशीर्वाद बना रहे और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे. वही हाथ में कलावा बांधने से ये हमारे लिए रक्षा कवच की भांति काम करता है. माना जाता है कि पूजा-अर्चना के बाद विधिवत बांधे गए कलावे में कई प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा या दैवीय शक्तियां होती हैं. हाथ में कलावा बांधने से ये सकारात्मक ऊर्जा निगेटिव एनर्जी और बुरी नजर से हमारी रक्षा करती हैं.

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