अयोध्या के रामकथा पार्क में कार्यक्रम का आयोजन | Ram Mandir Ayodhya 

अयोध्या में कौन सा प्रोग्राम चल रहा है | Ayodhya Me Hua Bhajan Ka Aayojan

श्री राम से हमें क्या सीख मिलती है

Ayodhya Ram Mandir

Ayodhya Ka Karyakram

Ram Bhajan Ka Aayojan

रामकथा पार्क में बीती शाम सुरो से श्रीराम की आराधना किया गोरखपुर से आए बृज बिहारी दुबे और उनके साथियों ने, अवसर था रामोत्सव की सांस्कृतिक संध्या का। "अपने घर आईके रघुराईं" के बोलो ने प्राण प्रतिष्ठा के अवसर को जीवंत कर दिया। भोजपुरी और अवधी भजनों की श्रृंखला में धनि बनी तोहार नगरिया और राम जी कय भयल दर्शनवा जैसे भजनों को गाकर कलाकारो ने सभी को रामलला के दर्शन करा दिया।

रामकथा पार्क में नुकीले कीलों और तलवार की धार पर लोकनृत्य ने मोहा/रामकथा पार्क में नृत्य नाटिका के साथ गूंजे राम भजन 

इसके बाद लखनऊ से आई प्रख्यात भजन गायिका विजयलक्ष्मी और उनके दल ने उपस्थित दर्शकों को भक्तप्रवर हनुमान जी की वंदना "बजरंगी लाए खबरिया" गाकर विभोर कर दिया। "राम लखन बसे मेरी कुटिया में" भक्तों के भाव छलक रहे थे तो होली खेले रघुबीरा में अवध की होली के मर्यादित रूप में रामजी का आदर्श सभी को मोह रहा था।मंच पर अपनी अदायगी से सभी को प्रभावित कर चुकी इस कलाकार ने डमरू बाजे अविनाशी गाकर महाशिवरात्रि के पूर्व भोलेनाथ की आराधना से सभी को सिंचित किया।

ram mandir ayodhya

अयोध्या में कौन सा प्रोग्राम चल रहा है?

बाड़मेर राजस्थान से आए जगदीश पंचारिया के दल ने भवई नृत्य प्रस्तुत करके राजस्थान की लोक कला के रंग मंच पर बिखेरे। महिला कलाकार ने सर पर दस घड़े रखकर नंगे पैर नुकीले कीलों पर खड़े होकर नृत्य किया तो पांडाल तालियों से गूंज उठा। टूटे कांच के टुकड़ों,परात पर,शीशे के दो गिलास पर,गिलास पर तश्तरी के ऊपर गिलास पर नृत्य करके सभी को विस्मित करने के बाद जैसे ही कलाकार ने तीन तीन धारदार तलवारों पर खड़े होकर नृत्य किया सभी कलाकार के सम्मान में अपनी जगह पर तालिया बजाते हुए खड़े हो गए । सोनू सेन,पुष्कर प्रदीप,जानकी गोस्वामी प्रकाश और बाबू खां इस दल के सहयोगी कलाकार थे।

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श्री राम से हमें क्या सीख मिलती है?

वृंदावन से आए आशीष सिंह के दल ने लोक नृत्यों पर लोक भजनों के माध्यम से नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। राम  जन्म से लेकर पुष्प वाटिका,सीता स्वयंवर,रावण वध और राज्याभिषेक के दृश्य मंच पर मंचित किए।कलाकारो का अभिनय प्रभावी था।लखनऊ से आई निशु त्यागी के दल ने केवट प्रसंग,शबरी मिलन जैसे भावुक प्रसंगों को मंचित करके दर्शकों की आंखे सजल कर दी। सीता हरण के पश्चात अशोक वाटिका में माता सीता को देखकर सभी प्रभु आगमन की प्रतीक्षा करने लगे। 

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कार्यक्रम का भावपूर्ण संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने किया।अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डा लवकुश द्विवेदी के निर्देशन पर कलाकारो का सम्मान समन्वयक अतुल कुमार सिंह ने किया।इस अवसर पर संत करपात्री जी महराज,शिवांश त्रिवेदी,रामपाल, लालधर समेत भारी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।

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