अयोध्या के रामकथा पार्क में कार्यक्रम का आयोजन | Ram Mandir Ayodhya

अयोध्या में आयोजित हुआ कार्यक्रम | Ayodhya Ke Ram Katha Park Me Hua Ram Bhajan Ka Aayojan 

ayodhya me hua bhavya karyakram

Ram Bhajan Ka Aayojan

Ram Mandir Ayodhya Update

Ayodhya Me Hua Bhavya Karyakram

रामकथा पार्क में रामोत्सव के उल्लास में शास्त्रीय और लोक नृत्य नाटिका के अलावा विदेशी कलाकार भी भगवान राम के गुणगान कर रहे है। इसी क्रम में फिजी देश से आए कलाकारों ने अखिलेश प्रसाद के नेतृत्व में रामलीला "राम ही सत्य है" के माध्यम से हिंदी में मंचित कर सभी को हतप्रभ कर दिया।

अयोध्या में आयोजित हुआ कार्यक्रम

कैकेई भरत संवाद से आरंभ हुए प्रसंग में भरत की भावुकता और कैकेयी का भरत के लिए पक्षपातपूर्ण स्नेह सभी को विस्मित कर रहा था तो, भरत का राम से गंगा तट पर अयोध्या वापसी का आग्रह सभी की आंखे सजल कर गया।कलाकारो का हिंदी उच्चारण और अभिनय दोनो दर्शकों को मंच से जोड़ रहे थे।

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रामकथा पार्क में छलका हरियाणा का फाग और गुजराती ढाल तलवार का रोमांच

इसके बाद लखनऊ से आए रामायण गुरुकुल सोसाइटी की दिव्या उपाध्याय के दल ने नृत्य नाटिका "राम जन्म के मूल" में राम जन्म से लेकर राम विवाह तक के दृश्यों को मंचित किया। संवादों और लोक भजनों को दिव्य उपाध्याय ने लोक और कथक शैली में जबकि आकाश राजपूत ने भरतनाट्यम और लोक शैली में साथी कलाकारों के साथ नृत्य करके मंचित किया तो सभी उल्लास से भर गए। कलाकारो का आपसी तालमेल और शास्त्रीय नृत्यों की जुगलबंदी बेहद प्रभावी थी। मंच पर फागुन के रंग का असर दिखाया हरियाणा से आए कामिल और उनके दल ने। अपने फाग नृत्य से देवर भाभी के मध्य होली के नटखटपन और मर्यादा के रंग को बिखेरा तो सभी उसकी महक में खो गए।

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फिजी से आए कलाकारों की रामलीला ने मोहा

इस फाग नृत्य में हरियाणा की जिंदादिली और अगली प्रस्तुति नोएडा से आई माया कुलश्रेष्ठ के दल ने भय प्रकट कृपाला नृत्य नाटिका के माध्यम से संपूर्ण रामायण के अंशों को कथक नृत्य शैली में प्रस्तुत किया। रामजन्म के बाद गुरु आश्रम में शिक्षा और शास्त्र विद्या के अभ्यास के दृश्य बेहद प्रभावी थे। सीता स्वयंवर के दृश्य में भगवान राम का संयमित धीर स्वरूप सभी को मोहित कर रहा था तो वन गमन के दृश्य में नगरवासियों की भावुकता छलक रही थी। अयोध्या वापसी के दृश्य पर दर्शकों ने अभिभूत होकर तालियां बजा कर अपने हर्ष को व्यक्त किया।

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मंच पर इसके बाद गुजरात के श्री हाटे क्षत्रिय हिमडा चोक डांडिया रास दल ने दिलावर सिंह के नेतृत्व में अपना पारंपरिक तलवार ढाल रास प्रस्तुत किया। गरबा और रास से अलग इस प्रस्तुति में तलवार और ढाल से डांडिया खेल कर कलाकारो ने सभी को रोमांचित कर दिया।पारंपरिक पोशाक में कलाबाजियां खाते हुए चपलता से तलवार से वार और ढाल से बचाव अद्भुत सामंजस्य को दर्शित कर रहा था। दर्शक अचंभित होकर प्रस्तुति को देखते ही रहे।

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रामकथा पार्क में मंचित हुई विदेशी रामलीला

अंत में आदर्श रामलीला समिति लखनऊ से आए दल ने राम जन्म से लेकर पुष्प वाटिका तक के दृश्य का मंचन किया। अवधी परंपरा में रामलीला का मंचन भाषा,प्रस्तुति,वाद्ययंत्र,सभी के स्तर पर दर्शकों को प्रभावित कर गयाकार्यक्रम का संचालन अपनी अनूठी शैली में करके आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने सभी को बांधे रखा। इस अवसर पर शिवांश त्रिवेदी, डा शशांक मिश्र,राघव राम समेत भारी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

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