अयोध्या के रामकथा पार्क में कार्यक्रम का आयोजन | Ram Mandir Ayodhya

अयोध्या में आयोजित हुआ कार्यक्रम | Ayodhya Me Hua Bhajan Ka Aayojan

 ram mandir ayodhya

Ayodhya Ka Karyakram

श्री राम से हमें क्या सीख मिलती है

Ayodhya Me Hua Bhavya Karyakram

रामोत्सव के अंतर्गत रामकथा पार्क में चल रहे भक्तिपरक कार्यक्रमों के क्रम में बीती शाम गुजरात के गरबा,महाराष्ट्र के तलवारबाजी और कठपुतली ने धूम मचा दी। नितिन कुमार साहू ने अपने दल के साथ कठपुतली के माध्यम से विश्वामित्र जी के यज्ञ की रक्षा करते हुए राम लक्ष्मण का असुरों के साथ युद्ध बेहद जीवंत था जनकपुर में सीता स्वयंवर के दृश्य में धनुष भंग से लेकर लक्ष्मण परशुराम संवादों ने दर्शकों को बांधे रखा। कठपुतली को मेरे भारत का बच्चा बच्चा,जय जय श्रीराम बोलेगा पर नृत्य करते देख सभी भावविह्वल हो गए। बेजान कठपुतलियों में राम की चेतना का प्रवाह वातावरण को राममय कर गया।

कठपुतली ने किया नृत्य,गरबे की धुन पर हुई रामस्तुती.... 

इसी वातावरण में गुजरात से आए महिला कलाकारो ने पारंपरिक गरबा खेलते हुए सर पर मिट्टी के घड़े रखकर तालियों की ताल पर नृत्य किया तो सभी कलाकारो के साथ तालियां बजाकर साथ देने लगे। कलाकारो की पोशाक और गरबे की धुन के साथ तीव्र गति के साथ किया गया नृत्य गुजरात के रंग मंच पर बिखेर गया।

 रामकथा पार्क में ढाल तलवार से दिखा राम का शौर्य

रामकथा पार्क में कठपुतली और डांडिया के साथ झूमे दर्शक

इसके बाद महाराष्ट्र से आए शिवम मगदुम के नेतृत्व में कलाकारों ने अपने पारंपरिक लोक नृत्य मर्दानी खेल को बच्चो और महिलाओं के साथ प्रस्तुत करके सभी को अचंभित कर दिया। युद्ध के हथियारों के साथ कौशल भरा नृत्य  शिवाजी महाराज के वेश में बच्चे को करते देखना और अकेली बालिका का तीन तीन पुरुषो से लाठी ढाल के साथ युद्ध करना बेहद सुखद था।कलाकारो के हर पैंतरे पर दर्शक बरबस तालियां बजा रहे थे। मंच पर बारह नींबू एक कतार में रखकर कलाकार ने नृत्य करते हुए तलवार से लगातार सभी को बीच से काटा तो सभी चमत्कृत हो उठे। रोमांच की पराकाष्ठा हुई जब महिला कलाकार ने लाठी से पुरुष कलाकार के सर पर रखे नारियल को एक प्रहार में तोड़ दिया।

 रामकथा पार्क में ढाल तलवार से दिखा राम का शौर्य

रामकथा पार्क में ढाल तलवार से दिखा राम का शौर्य

तालियों की गूंज में गुजरात का डांडिया करके दीपक शर्मा के दल में मंच पर उल्लास का वातावरण रच दिया। डांडिया टकराते लयबद्ध तरीके से कलाकारो का नृत्य सभी को आकर्षित कर रहा था। गीत के बोलो की तान पर तीव्र और मंद होते कलाकार दर्शकों का उत्साह बढ़ा रहे थे। रामलला के जन्म पर गाए जाने वाले पारंपरिक गीतों के सहारे नृत्य के माध्यम से रामायण गुरुकुल सोसाइटी लखनऊ की दिव्या उपाध्याय के दल ने जन्म प्रसंग को मंचित किया। लोक भजनों और गीतों द्वारा इन कलाकारो ने राम गाथा को पुष्प वाटिका,धनुष भंग और सीता जयमाल तक के दृश्यों को प्रस्तुत किया तो जनमानस जय सिया राम के उद्घोष से खुद को रोक नहीं पाए। कलाकारो ने अपनी नृत्य नाटिका में कथक,भरतनाट्यम और लोक नृत्यों का सुंदर संगम किया जिसमे उनका अभिनय और नृत्य दोनो प्रभावी बन पड़ा।

सरयू नदी के उद्गम स्थल पर होंगे कार्यक्रम ram mandir ayodhya

नोएडा से आई माया कुलश्रेष्ठ के दल ने राम नाम की महिमा और भगवान राम के बाल रूप को कथक नृत्य शैली के प्रस्तुत किया।लखनऊ से आए आदर्श राम लीला समिति ने सीता स्वयंवर के दृश्य को पारंपरिक रामलीला शैली में प्रस्तुत किया। सूत्रधार के साथ प्रस्तुत रामलीला में मानस की चौपाई,लोक भजन,लोक काव्य के प्रयोग ने लोकमानस को मोह लिया।

सरयू नदी के उद्गम स्थल पर होंगे कार्यक्रम ram mandir ayodhya

कार्यक्रम का संचालन भावपूर्ण अंदाज में आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने किया।इस अवसर पर समन्वयक अतुल कुमार सिंह, करपात्री जी महाराज,शिवांश त्रिवेदी,समेत भारी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

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