देशभक्ति और राष्ट्रवाद का क्या महत्व है | Deshbhak Aur Rastravad Me Kya Antar Hai?

राष्ट्रवाद का मतलब क्या होता है | Rashtravad Kya Hota Hai?

 आपके लिए देशभक्ति क्या है

देश भक्ति का अर्थ क्या है?

Desh Bhakti Ka Kya Matlab Hai?

भारतीय राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं?

हम भारत के रहने वाले लोग कई मुद्दों पर बंटे हुए हैं... धर्म पर, जाति पर, खानपान पर और यहां तक की गोरे-काले रंग पर भी... और इसे देखते हुए यह तो बहुत आम सी बात है कि चार दोस्तों के एक ग्रुप में भी चार अलग-अलग राय हो सकती हैं... वैसे भारत की आबादी आपको पता है कितनी है... 130 करोड़ लगभग... लिहाज़ा, भारत के हर नागरिक से यह उम्मीद करना कि वो हर वक्त यूनाइटेड रहेगा, एकजुट रहेगा, हर एक बात पर Agree करेगा, तो इस बेवकूफी से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता...

देशभक्त या राष्ट्रवादी... किस कैटेगरी में आते हैं आप?

लेकिन एक भाव है जो हमें एक साथ जोड़े रखता है और वो है राष्ट्र के प्रति प्रेम...  आज की बात करें तो एक नॉर्मल इंडियन का अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम दो मौकों पर एक एक्सट्रीम लेवल पर होता है, एक जब भारत पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट मैच खेल रहा होता है, और दूसरा जब कोई युद्ध होता है या उसकी आर्मी पर हमला होता है... इन दो मामलों के अलावा, एक आम सा भारतीय शायद ही अपने देश के बारे में सोचता होगा, वैसे उसकी भी एक मजबूरी है... वह अपना जीवन यापन करने में इतना व्यस्त हो चुका है कि अगर वह राष्ट्र के प्रति प्रेम के भाव में अपना समय देने लगेगा तो उसके और उसके परिवार वालों के लिए दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त करना भी मुश्किल हो जाएगा... खैर, राष्ट्र के प्रति प्रेम को भी दो हिस्सों में बांटा जा सकता है... एक है देशभक्ति यानी Patriotism और दूसरा है राष्ट्रवाद यानी Nationalism... कहने और सुनने में भले ही देशभक्ति और राष्ट्रवाद एक दूसरे के पर्यायवाची लगें लेकिन असल मायने में दोनों में ज़मीन-आसमान का फर्क है... आज अपनी इस खास रिपोर्ट में हम देशभक्ति और राष्ट्रवाद के बीच में जो अंतर है उसे जानने की कोशिश करेंगे... देश प्रेमी वह होता है जो बिना किसी लालच और बिना किसी भेदभाव के अपने देश से प्यार करे, अपने लोगों से प्यार करे और अपने समाज से प्यार करे... जैसे इंसान अपने मां-बाप से प्यार करता है, अपने बच्चों से प्यार करता है, अपने परिवार से प्यार करता है, बिना किसी भेदभाव और लालच के... कुल मिलाकर देशभक्ति एक भाव है... 

 आपके लिए देशभक्ति क्या है

आपके लिए देशभक्ति क्या है?

वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रवाद एक जुनून है... जुनून अपने देश को आगे ले जाने का, जुनून अपने समाज में फल-फूल रही कुरीतियों को मिटाने का, जुनून लोगों को उनका हक दिलाने का... लेकिन यह बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि राष्ट्रवाद मौजूदा दौर में शासन करने वालों का एक बड़ा हथियार बन चुका है... राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों को एक दूसरे से अलग किया जा रहा है... कहने का सीधा मतलब यह है कि राष्ट्रवाद को सरकार के प्रति वफादारी के साथ जोड़ दिया गया है... अगर आप हर फैसले पर सरकार के साथ हैं तो आप एक राष्ट्रवादी हैं लेकिन अगर आप ग़लती से भी सरकार के किसी फैसले की मुखालिफत करते हैं, इसका विरोध करते हैं तो आप देशद्रोही बनकर रह जाते हैं... यह एक हकीकत है... हर देश में कुछ ना कुछ खामियां और कमियां जरूर होती हैं... और यह सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह उन खामियों और कमियों को दूर करे... लेकिन जब वह ऐसा नहीं करती तो समाज से ही कुछ लोगों को आगे आना पड़ता है और सरकार को उसका कर्तव्य याद दिलाना पड़ता है... और समाज के ऐसे ही लोग जो खामियों को दूर कराना चाहते हैं वह आज के राष्ट्रवादियों की नजर में देशद्रोही होते हैं...  आज के दौर के राष्ट्रवादी अपने विवेक, अपने दिमाग से सोचने के बजाय शासन करने वालों के नजरिये को ज्यादा अहमियत देते हैं... वो आँख मूँद कर यह विश्वास कर लेते हैं कि हमारा राजा जो करेगा सही करेगा और उसका हर एक फैसला हमारे हित में ही होगा...

 आपके लिए देशभक्ति क्या है

तो कुल मिलाकर निष्कर्ष यही निकलता है कि देशभक्ति नागरिकों में 'जिम्मेदारी' की भावना पैदा करती है जबकि राष्ट्रवाद 'अंधा अहंकार' या अज्ञानता पैदा करता है जो अक्सर, समाज में ज़हर घोलने का काम करता है... अब आपको खुद देखना होगा कि आप का झुकाव देशभक्ति या राष्ट्रवाद किस तरफ है... 

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