Digital Payment Benefits: कैश ट्रांजेक्शन करने के नुकसान और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के फायदे

What Is The Difference Between Cash And Payment?

cash or online payment

Which Is Better Cash Or Online?

Online Transaction Safety Tips

Digital Payment Benefits


डिजिटल इंडि़या योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों से सरकार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने का काम कर रही है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और साथ ही इस तरह के ट्रांजेक्शन से देश में ब्लैक मनी पर लगाम लगाने में भी मदद मिलती है।

डिजिटल ट्रांजैक्शन क्या होता है?

लेकिन अगर कोई व्यक्ति कैश ट्रांजेक्शन करता है और आयकर विभाग की नजर में अगर यह बात आ जाती है तो वह इस मामले में संबंधित पक्ष को नोटिस जारी करके कैश ट्रांजेक्शन के जरिये थर्ड़ पार्टी को अदा की गई रकम के स्रोत के बारे में जानकारी मांग सकता है . अगर करदाता ऐसे मामलो की जानकारियां देने में असमर्थ रहता है तो उसके खिलाफ आयकर कानून के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है। आइए यह जानने की कोशिश करते हैं कि वे कौन से ट्रांजेक्शन हैं जिन्हें नकदी में किए जाने पर आपको इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। 

क्रेडिट कार्ड़ के बिल

क्रेडिट कार्ड़ के बिलों का भुगतान करते वक्त अगर कोई व्यक्ति एक बड़़ी रकम की अदायगी कैश में कर रहा है तो उसका बैंक ही आयकर विभाग तक इसकी जानकारी पहंुचा देगा। इसके बाद आयकर विभाग आपको नोटिस भेजकर यह पूछ सकता है कि आपने जिस कैश रकम से क्रेडिट कार्ड़ के बिलों की अदायगी की है उस रकम को स्रोत क्या है। अगर आपके जवाब से आयकर विभाग संतुष्ट होता है तो कोई बात नहीं लेकिन अगर वह संतुष्ट नहीं होता है तो आपके खिलाफ आयकर कानून के तहत कार्रवाई कर सकता है। जिसमें आपको भारी पेनाल्टी देनी पड़़ सकती है। गौरतलब है कि आयकर विभाग ने एक लाख रुपये या इससे ज्यादा कीमत वाके नकद बिलों का भुगतान की अनुमति नहीं देता। 

बचत बैंक खाता

कोई व्यक्ति अगर अपने बचत खाते में भारी मात्रा में नकद धनराशि जमा करता है तो वह मुश्किल में फंस सकता है। बचत खाते में सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा धनराशि नकद जमा कराने वालों को संदिग्ध की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने बैंक में जो भी रकम जमा करें वह चेक‚ बैंक ड्राफ्ट या अनालाइन ट्रांजेक्शन के जरिये ही जमा करें। अगर आप साल में दस लाख रुपये से ज्यादा रकम नकद जमा कर रहे हैं तो आप स्वयं इसके स्रोत को आयकर विभाग को बता दें। अन्यथा मुश्किल में फंस सकते हैं। 

बचत बैंक खाता

आनलाइन शापिंग पर भी नजर

आनलाइन शापिंग के जरिए खर्च की जाने वाली रकम पर भी आयकर विभाग की नजर रहती है। अब आप कहेंगे कि आनलाइन शापिंग में बैंक खाते से भुगतान किया जाता है तो इसमें नकद ट्रांजेक्शन कहां से आ गया है। आपको बता दें कि कई ऐसे वालेट हैं जो ग्राहक को नगद धनराशि जमा करने की सुविधा भी दे रहे हैं। जबकि कुछ वालेट या ऐप क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भी शापिंग की अनुमति देते हैं। ऐसे मामलों में नकदी के इस्तेमाल की संभावना पूरी तरह बनी रहती है अतः आयकर विभाग आनलाइन शापिंग के ट्रांजेक्शन पर भी अपनी पैनी नजर रखता है। 

ना कराएं कैश एफड़ी

अगर आप किसी बैंक में साल में दस लाख रुपये से ज्यादा की कैश एफड़ी कराते हैं तो आपको आयकर विभाग द्वारा तुरंत नोटिस जारी कर दिया जाएगा। भले ही यह एफड़ी छोटे–छोटे अमाउंट में अलग–अलग बैंकों से खरीदी गई हो। अगर अलग–अलग बैंकों से खरीदी गई छोटे–छोटे अमाउंट की एफड़ी की कीमत एक साल में दस लाख रुपये के स्तर को पार कर जाती है तो एफड़ी कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा कार्रवाई की जा सकती है। 

बचत बैंक खाता

संपत्ति की खरीद फरोख्त

अगर कोई व्यक्ति प्रापर्टी की खरीद फरोख्त में तीस लाख रुपये या इससे ज्यादा रकम का भुगतान नकद में करता है या इसे प्राप्त करता है तो इसका उल्लेख निश्चित तौर पर संपत्ति की रजिस्ट्री में किया जाएगा। ऐसे मामलों में प्रापर्टी के रजिस्ट्रार आफिस से नकद ट्रांजेक्शन की जानकारी आयकर विभाग को भेज दी जाती है। 

वित्तीय उत्पादों की खरीद

अगर आप म्यूचुअल फंड़‚ शेयर बाजार‚ डि़बेंचर‚ गोल्ड़ या डि़बेंचऱ की खरीद में सालाना दस लाख रुपये से ज्यादा की धनराशि निवेश करता है तो ऐसी स्थिति में वित्तीय उत्पाद बेचने वाली कंपनी द्वारा इसकी सूचना आयकर विभाग को मुहैया करा दी जाती है। हालांकि वित्तीय उत्पाद बेचने वाली कंपनियां नकदी नहीं लेती हैं लेकिन कई बार खरीदार या निवेशक इस तरह के मामलों में अपने बैंक खातों में नकदी ड़ालकर उसके जरिये वित्तीय उत्पाद की खरीद कर सकते हैं। अतः आयकर विभाग ऐसे मामलों पर भी नजर रखता है।

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