Woman Empowerment of India : यूके रॉयल अवार्ड से नवाजी गईं पिंक रिक्शा चालक आरती
Amal Clooney Award
E Ricshaw Driver Arti
Woman Empowerment of India : गोद में एक पांच साल की बच्ची और अपने पति की बेरुखी… और ऐसे में अपने कंधों पर घर चलाने का बोझ भी.... लेकिन बहराइच जिले के एक गांव बभनी की 18 साल की रिक्शा चालक इस आरती ने समाज की बंदिशों को तोड़कर आत्मविश्वास की नई इबारत लिख दी। जो राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत बैंक से ऋण लेकर ई-रिक्शा चलाने लगीं। और लंदन में यूके रॉयल अवार्ड हासिल कर हार्ड सिचुएशन में लाइफ स्पेंड वाली दूसरी महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन गई हैं. चलिए जानते हैं पूरी कहानी......
बकिंघम पैलेस में क्यों मिली रिक्शा चलाने वाली आरती को एंट्री?
बहराइच जिले की पिंक रिक्शा चालक आरती को लंदन में यूके रॉयल अवार्ड से नवाजा गया है. आपको बता दें की 2 अक्टूबर 2023 को डीएम मोनिका रानी ने महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत बैंकों से ऋण दिलाकर जिले की पांच महिलाओं को पिंक रिक्शा उपलब्ध कराया था. इन्हीं महिलाओं में शामिल हैं रिसिया ब्लाक के बभनी गांव की रहने वाली आरती। जिन्हे उनके पति ने छोड़ दिया था... ऐसे में पांच साल की बच्ची के भविष्य को संवारने के लिए जब उन्हें ई-रिक्शा चलाने का मौका मिला, तो समाज की बेड़ियों को तोड़, कदम आगे बढ़ा दिए। और एआरटीओ के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रमाणपत्र और लाइसेंस मिलने के बाद में एलडीएम से बात कर डीएम ने बैंक से ऋण दिलाया।
और आठ महीने बाद 22 मई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रिंस ट्रस्ट ने उन्हें यूके रॉयल अवार्ड नवाजा है। और उन्हें विश्व प्रसिद्ध बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्स से मुलाकात का अवसर भी मिला है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की आरती, आगा खान फाउंडेशन से जुड़ी हुई थीं। और वहीँ उन्होंने कार्यक्रम अधिकारी सीमा शुक्ल से परिवार की आजीविका की समस्या बताई थी। इस पर उन्होंने सहयोग देते हुए डूडा से मिलने वाली योजना के लाभ की जानकारी दी, जिसके बाद आरती के मन में पहले कुछ झिझक थी। लेकिन समझाने के बाद आरती ने स्टेयरिंग पकड़ने की ठान ली और अपनी जिंदगी को भी रफ्तार दे दी।
ई-रिक्शा चालक आरती ने ब्रिटेन में महिला सशक्तिकरण पुरस्कार जीता
आरती बकिंघम पैलेस में ना सिर्फ प्रिंस चार्ल्स से मिली, बल्कि उन्हें प्रिंस ने सम्मानित भी किया. उन्हें इंग्लैंड का प्रसिद्ध वूमेन इम्पावरमेंट अवॉर्ड दिया गया. विश्व प्रसिद्ध मानवाधिकार बैरिस्टर के नाम पर अमल क्लूनी वूमेन इम्पावरमेंट अवॉर्ड उसे दिया गया. आपको बता दें की प्रिंस ट्रस्ट अवॉर्ड की घोषणा हर साल की जाती है. आरती को सरकार की पिंक ई-रिक्शा पहल के साथ अपने काम के माध्यम से अन्य युवा लड़कियों को प्रेरित करने के लिए यह सम्मान दिया गया है. वहीँ आरती ने इस मौके पर कहा, “मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं ऐसी ही चुनौतियों का सामना करने वाली अन्य लड़कियों को प्रेरित करने में सक्षम हूं. इस नई आजादी ने मुझे दुनिया को एक अलग नजरिए से देखने की अनुमति दी है.
अब, मैं न केवल अपने, बल्कि अपनी बेटी के सपनों को भी पूरा करने में सक्षम हूं. इसमें सबसे इंट्रेस्टिंग बात ये, की बकिंघम पैलेस में स्वागत समारोह के लिए आरती एक गुलाबी रिक्शा में ही पहुंची. इसे न केवल परिवहन के एक स्थायी साधन के रूप में बल्कि एक विचार और एक आंदोलन के रूप में भी प्रदर्शित किया गया. तो ऐसी कुछ कहानियां सामने आती हैं जो इंसान को एक हाई लेवल तक inspire करती हैं.. और इस कहानी को सुनकर मन में बस एक ही लाइन आती है, की कहती है दुनिया कि नारी कमजोर हैं, लेकिन आज भी नारी के हाथों में घर चलाने की डोर हैं।