Farmers Success Stories in India : Vegetables on Pond : कभी देखी है ऐसी खेती, यहाँ तालाब के ऊपर उगती हैं सब्ज़ियाँ
Vishesh Desk Lucknow
हीरोद ने अपनी सफलता की कहानी सोशल मीडिया पर बताई
खेती से कम आय देखकर हीरोद ने आधुनिक तकनीकों को अपनाने का फैसला किया। उन्होंने खेती में ड्रिप इरिगेशन, हाइड्रोपोनिक्स और वर्टिकल फार्मिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल शुरू किया। और हीरोद की मेहनत रंग लाई और उनकी आय दोगुनी हो गई। उन्होंने अपनी सफलता की कहानी सोशल मीडिया पर भी बताया , जिससे वे रातोंरात प्रसिद्ध हो गए। उन्हें फिर हीरोद पटेल के नाम से जाना जाने लगा। वही हीरोद आज कई युवा किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। वे अक्सर किसान सम्मेलनों में भाग लेते हैं और उन्हें आधुनिक खेती की तकनीक सिखाते हैं।
ज़मीन नहीं तालाब के ऊपर उगाते हैं सब्ज़ियाँ
आज देश के युवा हर क्षेत्र में अपनी पहचान गढ़ रहे हैं! फिर चाहे वो खेती और या कुछ और! एक समय था जब केवल जीवन यापन के लिए की जाती थी! लेकिन आधुनिक भारत में खेती ने कई युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया है! सरकार भी युवा वर्ग को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएँ चला रही है यही कारण है कि हीरोद पटेल जैसे युवा आज खेती में अनोखे तकनीक का प्रयोग करके अपनी पहचान गढ़ रहे हैं! हीरोद पटेल की ख़ासियत यह है कि उनके खेतों में सब्जियां जमीन में नहीं बल्कि तालाब के ऊपर उगती हैं।
खेती के साथ मछलीपालन में भी जमाई धाक
दरअसल, हीरोद ने अपने 10 एकड़ के खेत में चार अलग-अलग तालाब बनवाएं हैं और इन तालाबों के ऊपर शेड बनाकर वह बेल वाली सब्जियों की अच्छी उपज ले रहे हैं। हीरोद के इस खेत को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं! हीरोद के लिये यह खेती आय का माध्यम है! इसके अलावा हीरोद तालाब में मछलीपालन करके एक्स्ट्रा आय कर रहे हैं |
आपको बता दें कि आठ साल पहले जब हीरोद की किशोर अवस्था में थे तब वह अपने पिता के साथ खेती में उनका हाथ बँटाते थे! उस दौरान उनके पिता सिर्फ पारम्परिक रूप से चावल की ही खेती करते थे। तत्कालीन खेती से उन्हें कुछ ज़्यादा मुनाफा नहीं हो पा रहा था। परिवार की ज़िम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर थी लेकिन जब हीरोद ने मौसमी सब्ज़ियों की खेती शुरू की तब पटेल परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होने लगी |
कई लोगों के लिए बने प्रेरणा स्त्रोत
हीरोद ने खेत में पहले तालाब बनाकर मौसमी सब्जियां उगाना शुरू किया। लेकिन जगह के सही इस्तेमाल के लिए उन्होंने पहले तालाब के चारों ओर केला, नारियल जैसे बड़े बड़े पेड़ लगाएं। इसी दौरान उन्होंने खेती की नई तकनीक का आईडिया आज़माने की कोशिश की, जिसमें वह सफल भी हुए! वह तालाब पर शेड बनाकर बेल वाली सब्जियां उगाने लगे। इसके लिए उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र से विशेष जानकारी भी हासिल की थी |
हीरोद के लिए यह सब करना आसान नहीं था उन्होंने तालाब के ऊपर से सब्जियां तोड़ने के लिए खुद ही एक नांव भी बनाया है। जिसमें बैठकर वह तुरई, करेले और लौकी जैसी सब्जियां तोड़ने जाते हैं। आज उनका खेत दूसरे किसानों के लिए एक प्रयोगशाला में तब्दील हो चुका है, जिसे देखने दूर-दराज से कृषि वैज्ञानिक भी आते हैं। एक युवा किसान के तौर पर वह आज कई लोगों के लिए प्रेरणा बन स्रोत बन गये हैं |