लड़कियों के लिए गुलाबी रंग क्यों इस्तेमाल किया जाता है | Kya Sach Me Ladkiyon Ko Gulabi Rang Pasand Hai?

गुलाबी लड़कियों का रंग कब बना | Pink Color Ladkiyon Ka Favourite Kab Se Hua?

गुलाबी रंग पसंद करने वाले लोग कैसे होते हैं?

गुलाबी लड़कियों का रंग कब बना?

Ladkiyon Ko Pink Colour Kyu Pasand Hai?

पिंक रंग किसका प्रतीक है?

आप किसी भी लड़के के पास जाएं और उनसे पूछिए कि लड़कियों का पसंदीदा कलर कौन सा होता है... देखिएगा- पिंक बोलने में उन्हें एक सेकंड से भी कम टाइम लगेगा... हालांकि, यही सवाल अगर आप किसी लड़की से करेंगे कि आपका मोस्ट फेवरेट कलर कौन सा है तो वो ऐसे ऐसे कलर्स का नाम ले लेंगी जो शायद आपने कभी सुनें भी नहीं होंगे... लेकिन बावजूद इसके लोगों ने अपने मन से एक stereotype बनाया हुआ है कि लड़कियों को गुलाबी रंग ही पसंद आता है...

कैसे महिलाओं से जुड़ गया 'पिंक'?

गुलाबी रंग के अलग-अलग शेड्स को फेमिनिज्म से जोड़ा जाता है और ज्यादातर बड़ी चीजों को महिलाओं से जोड़ने के लिए गुलाबी रंग को ही importance दी जाती है, लेकिन सवाल आता है कि आखिर ऐसा क्यों? क्या कभी आपने ये जानने की कोशिश की है कि गुलाबी रंग को ही लड़कियों का पसंदीदा कलर क्यों बताया जाता है? आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब लड़कों का फेवरेट कलर पिंक यानी गुलाबी हुआ करता था... लेकिन मौजूदा दौर में, अगर किसी लड़के का फेवरेट कलर पिंक होगा भी तो भी वो अपनी इस सच्चाई को सबके सामने उजागर नहीं करेगा... क्यों, वो इसलिए कि अगर वो पिंक को अपना फेवरेट कलर बता देगा तो अगले दिन से उसके अपने ही साथी उसे Gay और न जाने क्या-क्या कहने लगेंगे... कुल मिलाकर कहें तो आज के दौर में गुलाबी रंग को कमजोरी का प्रतीक माना जाता है, और हमारे समाज में लड़कों के मुकाबले लड़कियों को कमजोर ही माना जाता है और यही वजह है कि उनका फेवरेट कलर पिंक बताया जाता है...

गुलाबी रंग पसंद करने वाले लोग कैसे होते हैं?

गुलाबी रंग पसंद करने वाले लोग कैसे होते हैं?

चलिए अब आपको बताते हैं कि कब से लड़कियों को पिंक कलर सौंपा जाने लगा... इसके लिए हमें हिटलर के दौर में जाना होगा... हिटलर के साम्राज्य में बंदियों को रखने वाले ‘कंसंट्रेशन कैंप’ में पहचान के लिए लोगों को अलग-अलग चिह्न दिए जाते थे... जैसे यहूदियों को 'Yellow Star’ और Homosexual को Pink triangle... बस तब से ही गुलाबी रंग को Homosexuality से जोड़ा जाने लगा... या यूं कहें कि पिंक कलर को गैर मर्दाना की Category में डाल दिया गया... बस तब से एक चलन सा चल गया कि पिंक कलर लड़कियों का कलर होता है... वैसे इस हकीकत से भी दूर नहीं भागा जा सकता कि लड़कियों ने भी पूरे दिल से पिंक कलर को अपने लिए कबूल किया और उसको अपनी जिंदगी में उतार लिया... 

गुलाबी रंग पसंद करने वाले लोग कैसे होते हैं?

बहरहाल, आखिर में निष्कर्ष यही निकलता है कि महिलाएं अपने soft heart के कारण गुलाबी रंग को पसंद करती हैं य‍ह अलग बात है... लेकिन इसे पुख्ता तौर पर सिर्फ महिलाओं की पहचान के तौर पर इस्तेमाल करना ज़रा भी सही नहीं है... नारी तो असल में असंख्य अनमोल गुणों का भंडार है... जहां उसमें कोमल और करुण भावों का मखमली एहसास पनपता है, वहीं अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की शक्ति, साहस, निर्णय क्षमता और क्रोध भी है... वैचारित मतभेदों पर विजय पाने के लिए उसके पास तार्किक क्षमता भी है और स्थि‍ति-परिस्थि‍ति के अनुरूप बरती जाने वाली समझ भी... वो घर, परिवार, रिश्ते-नातों और समाज के साथ देश चलाने का हौसला भी रखती है और विनम्र और श्रृद्धा भाव के साथ झुकने का गुण भी...

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