Loksabha Speaker Kon Hota Hai: लोकसभा स्पीकर कैसे बनते हैं?

लोकसभा का अध्यक्ष (Loksabha Speaker) लोकसभा का प्रमुख और उच्च अधिकारी होता है। आइये जानते हैं भारत में लोकसभा स्पीकर कैसे बनते हैं? 
Loksabha Speaker Kon Hota Hai

लोकसभा स्पीकर कैसे बनते हैं? - Loksabha Speaker Kaise Bante Hain

  • लोकसभा का अध्यक्ष (स्पीकर) लोकसभा का प्रमुख और उच्च अधिकारी होता है।
  • आम चुनाव के बाद लोकसभा के पहले सत्र में Loksabha Speaker का चुनाव होता है।
  • स्पीकर सदन की व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखता है।
  • वह संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र की अध्यक्षता करता है।

लोकसभा स्पीकर का इतिहास- Loksabha Speaker History

  • भारत में पहली लोकसभा का गठन 17 अप्रैल 1952 को हुआ।
  • हर आम चुनाव के बाद स्पीकर का चुनाव होता है और वह 5 साल तक कार्य करता है।
  • स्पीकर और डिप्टी स्पीकर की संस्था 1921 में "भारत सरकार अधिनियम" 1919 के तहत शुरू हुई।
  • गणेश वासुदेव मावलंकर First Loksabha Speaker of India थे (1952-1956)।
  • मीरा कुमार First Female Loksabha Speaker of India अध्यक्ष थीं (2009-2014)।

स्पीकर की अनुपस्थिति में कार्यभार- Who is responsible in absence of Loksabha Speaker 

  • स्पीकर की अनुपस्थिति में डिप्टी स्पीकर कार्यभार संभालते हैं।
  • अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों की अनुपस्थिति में पैनल का एक सदस्य सदन की अध्यक्षता करता है।

लोकसभा स्पीकर की शक्तियाँ और कार्य- Loksabha Speaker Power 

  • संसद की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता स्पीकर करता है।
  • स्पीकर सदन में अनुशासन और मर्यादा सुनिश्चित करता है।
  • स्पीकर तय करता है कि कौन बोलेगा और कौन से प्रश्न उठाए जाएंगे।
  • गतिरोध को हल करने के लिए स्पीकर वोट का उपयोग करता है।
  • कोरम की कमी होने पर स्पीकर सदन की कार्यवाही स्थगित कर सकता है।
  • सदन में किस एजेंडे पर चर्चा होगी, यह स्पीकर तय करता है।
  • स्पीकर के पास प्रक्रिया के नियमों की व्याख्या करने की शक्ति होती है।
  • विश्वास प्रस्ताव और निंदा प्रस्ताव जैसी प्रक्रियाओं को शामिल करने की अनुमति स्पीकर देता है।
  • "धन विधेयक" पर प्रमाणपत्र का समर्थन करने की जिम्मेदारी स्पीकर की होती है।
  • विपक्ष के नेता को मान्यता देने का फैसला स्पीकर करता है।
  • स्पीकर विभिन्न समितियों के अध्यक्षों को नामित करता है।

 

भारत में लोकसभा के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष कौन रहे हैं?- Longest Serving Loksabha Speaker of India

आपको बता दें कि लोकसभा स्पीकर के तौर पर सबसे लंबा कार्यकाल बलराम जाखड़ रहा. वह 9 साल और 329 दिनों तक Loksabha Speaker रहे.

18वीं लोकसभा का स्पीकर किसे चुना गया है?- Current Loksabha Speaker of India

NDA सरकार में 18वीं लोकसभा का स्पीकर TDP की पार्टी से कोई वरिष्ठ नेता बन सकता है. 

Loksabha Speaker Salary कितनी होती है? 

लोकसभा अध्यक्ष को महीने में 50 हजार रुपये सैलरी (Loksabha Speaker Salary) मिलती है. इसके अलावा Loksabha Speaker को हर महीने 45 हजार रुपये का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता भी मिलता है.

Share this story