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महाशिवरात्रि की शुरुआत कब हुई | Maha Shivaratri Par Kya Khana Chaiye

महाशिवरात्रि का इतिहास क्या है?
कुछ मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि उस दिन मनाई जाती है जब भगवान शिव ने पहली बार खुद को शिवलिंग रूप में प्रकट किया था। यह फाल्गुन मास के 14वें दिन हुआ था जिसे बहुत ही शुभ और विशेष माना जाता है। और कुछ लोग मानते हैं कि महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के शादी का प्रतीक है। इस दिन, भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
महाशिवरात्रि उस दिन मनाई जाती है जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान विष का पान किया था। इस विष ने उनके गले को नीला कर दिया था, जिसके कारण उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है। कुछ लोग महाशिवरात्रि को अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में भी देखते हैं। वही इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनसे अज्ञानता और नकारात्मकता से मुक्ति प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।
शिवरात्रि व्रत में हमें क्या खाना चाहिए?
शिवरात्रि व्रत में में आपको किन चीजो का करना चाहिए सेवन जैसे की सेब ,केला ,अंगूर ,संतरा ,मौसमी और पपीता व्रत के दौरान इन सब चीजो का सेवन करना चाहिए वही , सिंघाड़े का हलवा ,कुट्टू की पकौड़ी , साबूदाना की खिचड़ी और फलाहारी वड़ा और इन सब चीजो को बना कर खा सकते है |
शिवरात्रि पर भगवान शिव को क्या चढ़ाएं?
1. जल: शिवलिंग पर जल अर्पित करना सबसे सरल और शुभ माना जाता है। जल अर्पित करते समय "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करना चाहिए।
2. बेलपत्र: भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है। तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है।
3. भांग: भांग भगवान शिव को प्रिय है। आप भांग को दूध में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं।
4. धतुरा: धतुरा भी भगवान शिव को प्रिय है। आप धतुरा के फूल या फल शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं।
5. गन्ने का रस: गन्ने का रस भी भगवान शिव को प्रिय है। आप गन्ने का रस शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं।
6. फल: आप भगवान शिव को मौसमी फल भी चढ़ा सकते हैं।