पनामा नहर की विशेषता क्या है | Pnama Nahar Ka Pani Kyu Kam Ho Raha Hai?
पनामा नहर से कितनी नावें गुजरती हैं | Panama Nahar Ke Bare Mein Bataiye
Pnama Nahar Kyu Prasidh Hai?
पनामा नहर का निर्माण कब हुआ?
Panama Nahar In Hindi
सड़कों पर ट्रैफिक जाम लगना बेहद आम बात है... लेकिन अगर किसी नहर पर ट्रैफिक जाम लगना शुरू हो जाए तो बड़ी हैरत होती है... सुनने में भले यह थोड़ा अजीब लगे लेकिन यह सच है... खासकर उस नहर पर जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की रीढ़ हो... तब तो चिंता और भी बढ़ जाती है... दरअसल हम बात कर रहे हैं पनामा नहर की... आज की अपनी खास रिपोर्ट में हम जानेंगे कि पनामा नहर किस संकट से जूझ रही है और इसका पूरी दुनिया पर क्या असर पड़ने वाला है...
पनामा नहर का सूखना पूरी दुनिया के लिए है एक गंभीर समस्या.. जानें कैसे
हो सकता है कि बहुत से लोगों को यही नहीं पता हो कि नहर किसे कहते हैं... तो सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि नहर एक जल मार्ग होता है... यानी एक रास्ता जो पानी से होकर गुजरता है... नहर समुद्र और महासागरों से बिल्कुल अलग होती है... समुद्र और महासागर जहां कुदरत की देन होते हैं... वहीं नहर मानव के द्वारा निर्माण की जाती है... इसकी खास बात यह होती है कि यह बिल्कुल सीधी बहती है... किसी भी देश में नहरों की मदद से यातायात या फिर कृषि क्षेत्र के विकास में बहुत मदद मिलती है... दुनिया में कई ऐसे शहर हैं, जहां नहरों के ज़रिए ही शहर के अंदर यातायात हो सकता है... वैसे आमतौर पर नहर ज्यादा लंबी होती तो नहीं है, लेकिन पनामा नहर इतनी लंबी है कि उसे पार करने में ही जहाजों को औसतन 10 घंटे लग जाते हैं... 1914 में जब पनामा नहर खोली गई, तब हर साल 1000 जहाज इससे गुजरा करते थे... आज की तारीख में हर दिन यहां से 42 जहाज गुजरते हैं... बीते करीब 100 सालों से ज्यादा समय से यह नहर विश्व के प्रमुख जलमार्गों में से एक है... या यूं कहें कि यह दुनिया का सबसे प्रमुख जलमार्ग है... क्योंकि ये अटलांटिक को सीधे प्रशांत महासागर से जोड़ता है... पनामा नहर बेहतरीन इंजीनियरिंग का एक नायाब अजूबा है... यह दुनिया का अकेला ऐसा जलमार्ग है जहां जहाज का कप्तान अपने जहाज का नियंत्रण पूरी तरह पनामा विशेषज्ञ कप्तान को सौंप देता है...
पनामा नहर से कितनी नावें गुजरती हैं?
खैर, मुद्दे की बात यह है कि आज पनामा नहर को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है... दरअसल, वक्त के साथ पानी वाले जहाजों का आकार तिगुना हो चुका है... आज के जहाज करीब 400 मीटर लंबे और 50 मीटर चौड़े हैं... पनामा के मुहाने उनके लिए छोटे पड़ते हैं... इससे पनामा को नुकसान हो रहा है... और इसकी प्रमुख वजह है पानी की शदीद कमी... जलवायु वैज्ञानियों की मानें तो भविष्य में मध्य अमेरिका में कम बारिश होगी... इसके बाद से ही पनामा नहर के लिए इस्तेमाल होने वाले ताजा पानी को लेकर बहस छिड़ी है... और यही पनामा नहर पर संकट की सबसे बड़ी वजह भी है... जाहिर है जब पनामा पर संकट पड़ेगा... तो इसका असर पूरी दुनिया पर होगा... वो कैसे चलिए आपको बताते हैं... दरअसल, पनामा नहर एशिया से अमेरिका तक माल के आयात और निर्यात के लिए मुख्य समुद्री मार्गों में से एक है... सदियों से इस जलमार्ग के ज़रिए दोनों महाद्वीपों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान होता रहा है... लेकिन अब पनामा नहर सूखे की चपेट में है... इस वजह से वहां पानी के जहाजों के लिए भी सड़क जाम जैसी स्थिति बन आयी है... नौ परिवहन बाधित होने की वजह से विश्व व्यापार संकट में है, पूरी दुनिया में महंगाई का डर बढ़ता जा रहा है... यहां की अलग-अलग न्यूज़ एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, पनामा नहर के दोनों किनारों पर किसी भी समय 200 से अधिक जहाज इंतजार कर रहे हैं... पनामा नहर को पार करने के लिए जहाजों को औसतन चार दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है...
पनामा नहर को कौन सा देश जोड़ता है?
कई रिपोर्ट तो यह भी दावा करती हैं कि कुछ जहाजों को 20 दिनों से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है... विशेषज्ञों का मानना है कि पनामा नहर के दोनों किनारों पर जहाजों का मेला लगने की एक वजह नहर के जल स्तर में कमी है... जलवायु परिवर्तन और लंबे समय तक सूखे के चलते, पनामा नहर के किनारे जल स्तर धीरे-धीरे लगातार कम हो रहा है... नहर से सटी गैटुन झील, पनामा की जल आपूर्ति के sources में से एक है... पिछले सात सालों में उस झील का जलस्तर काफी कम हो गया है... परिणामस्वरूप, पनामा का जल स्तर भी कम हो गया है... खैर, ऐसा भी नहीं है कि इस संकट से उबरने के लिए कोई खास तैयारी नहीं की जा रही है... पनामा को संरक्षित करने के लिए, पनामा नहर प्राधिकरण ने विभिन्न प्रतिबंध लगाने शुरू किये हैं... जैसे हर रोज़ 32 से ज्यादा जहाजों को पनामा नहर से गुजरने की permission नहीं है... लेकिन अधिकारियों को लगता है कि इससे ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा है... एक अनुमान है कि इस सूखे से लगभग 20 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है... क्योंकि जल स्तर गिरने के चलते मालवाहक जहाज कम माल ले जा रहे हैं... जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के चलते पनामा नहर में आने वाली समस्याएं भविष्य में बढ़ने की पूरी आशंका है... जिसका सीधा असर दुनिया के कई अलग-अलग देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है...
बहरहाल, कहा जा रहा है कि पनामा के इस संकट से उबरने के लिए दिन-रात काम चल रहा है... उम्मीद है की समस्या जल्द ही सुलझ जाएगी...