प्रेमानंद जी महाराज की कहानी क्या है | Why Is Virat Kohli Meets Premanand Ji Maharaj?
प्रेमानंद जी महाराज से कैसे मिल सकते हैं | Why Virat Kohli is an inspiration?
प्रेमानंद जी महाराज क्यों प्रसिद्ध है
Success Story Of Virat Kohli
प्रेमानंद महाराज के दर्शन कैसे होंगे?
विराट कोहली... वो क्रिकेटर जिसने अपने खेल से सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में ऐसी शोहरत कमाई है, जिसकी बराबरी करना शायद किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है... आगे चलकर भले ही कोई महान क्रिकेटर विराट कोहली को पीछे छोड़ दे लेकिन मौजूदा दौर में तो फिलहाल विराट कोहली के आसपास भी कोई नहीं भटक सकता... हाल कुछ ऐसा है कि जब भी बात आती है यूथ आइकॉन की, तो विराट कोहली का नाम सबसे पहले ज़हन में रचने बसने लगता है... यह कह लीजिए कि विराट कोहली इस देश के सबसे बड़े सेलिब्रिटी हैं...
जानें अनिरुद्ध पांडे की आर्यन ब्रह्मचारी से स्वामी प्रेमानंद जी महाराज बनने तक की पूरी कहानी
लेकिन हर रोज़ नए-नए Milestones को छूने के बीच उनकी जिंदगी में एक ऐसा वक्त भी आया जब उनके सितारे ज़मीन पर आने लगे... ताबड़तोड़ शतक बनाने वाले विराट का बल्ला खामोश होने लगा... 2019 तक विराट के नाम 43 शतक हो चुके थे, उसके बाद मानो ऐसी नजर लगी कि 44वां शतक लगाना उनके लिए नामुमकिन सा हो गया... सबको लगने लगा कि विराट के करियर का बस यही अंत है... लेकिन फिर एक ऐसा चमत्कार हुआ जिसने विराट कोहली को ईश्वर की शरण में ला दिया... दरअसल जब वो 44वां शतक लगाने की जद्दोजहद कर रहे थे तो उनके किसी जानने वाले ने बताया कि वो वृंदावन जाएं फिर सब ठीक हो जाएगा... विराट कोहली ने वृंदावन जाने का प्रण किया ही था कि 3 साल से ज्यादा के लंबे वक्त के बाद आखिरकार उनके बल्ले से 44वां शतक निकल आया... विराट कोहली के लिए यकीनन यह एक चमत्कार ही था... विराट ने शतक लगाया और सीरीज खत्म होते ही अपनी पत्नी और बेटी के साथ पहुंच गए वृंदावन... जिनकी शरण में विराट कोहली पहुंचे थे वह थे प्रेमानंद जी महाराज जी... और आज की अपनी इस कहानी में हम प्रेमानंद जी महाराज की जिंदगी के बारे में आपको कुछ अहम और रोचक बातें बताने जा रहे हैं...
प्रेमानंद जी महाराज के बारे में क्या खास है?
जब भी आप अपने मोबाइल में इंस्टाग्राम चला रहे होते होंगे तो प्रेमानंद जी महाराज की प्रवचन देते हुए कोई रील आपको जरूर दिख जाती होगी... जब आप व्हाट्सएप्प पर लोगों के स्टेटस देख रहे होते होंगे तो उनमें किसी न किसी को प्रेमानंद जी महाराज का स्टेटस लगाए हुए भी देखा होगा... हम सिर्फ आपसे यह बताना चाह रहे हैं कि मौजूदा दौर सोशल मीडिया का दौर है और इस दौर में प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया में छाए रहते हैं... और उसकी वजह है उनकी बताई जाने वाली बातें... आमतौर पर संत ईश्वर की कहानियां सुनाते हैं, ईश्वर से जुड़ी बातें लोगों को बताते हैं... लेकिन प्रेमानंद जी महाराज ईश्वरीय ज्ञान तो देते ही है... इसके साथ ही वह जिंदगी को जीने के मायने भी लोगों को बताते हैं... आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रेमानंद जी महाराज को पसंद करने वाले ज्यादातर लोग युवा वर्ग के हैं... अमूमन युवा वर्ग के लोग संत महात्माओं से दूर रहते हैं... अब आप खुद सोच लीजिए कि प्रेमानंद जी महाराज का क्या रुतबा होगा कि युवा वर्ग के आइकॉन यानी विराट कोहली तक भी महाराज जी के सबसे बड़े फैन हैं...
प्रेमानंद जी महाराज से कैसे मिल सकते हैं?
खैर, वृंदावन के रमणेरती मार्ग पर राधा निकुंज आश्रम में रहने वाले स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की पर्सनल लाइफ के बारे में भी कुछ बात कर लेते हैं... प्रेमानंद जी महाराज का ताल्लुक उत्तर प्रदेश से है... उनका जन्म कानपुर के सरसौल ब्लॉक के अखरी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था... पिता शंभु पांडेय और माता रमा देवी ने उनका नाम रखा था अनिरुद्ध पांडेय... परिवार का वातावरण धार्मिक होने के नाते उनके घर में श्रीमद् भागवत के पाठ की परंपरा बरसों से चली आ रही थी... घर के इस आध्यात्मिक वातावरण से ही अनिरुद्ध के अंदर भी आध्यात्मिक चेतना का संचार हुआ... उनके दादा भी एक संन्यासी थे और बाद में पिता भी गृहस्थ आश्रम से मुक्त होकर संन्यास की राह चल पड़े... पढ़ने की योग्यता विकसित होते ही अनिरुद्ध ने धार्मिक पुस्तकों के पन्ने पलटने शुरू कर दिए... महज़ 13 साल की उम्र में ही उन्होंने ईश्वर के सच को समझने और जिज्ञासाओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए घर छोड़ दिया था और ब्रह्मचर्य धारण कर लिया... जब वह सन्यासी जीवन में आए तो उनका नाम पड़ा आर्यन ब्रह्मचारी... बाद में उन्होंने महादेव की नगरी काशी में सन्यास का पालन किया... और यह कोई इतना आसान नहीं था... यह समझ लीजिए कि जब उन्हें भूख लगती थी तो वह सिर्फ गंगाजल पीकर रह जाते थे...
प्रेमानंद जी महाराज की कहानी क्या है?
काशी से वृंदावन कैसे पहुंचे प्रेमानंद जी महाराज चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं... दरअसल एक बार की बात है, प्रेमानंद जी महाराज की मुलाकात एक अन्य संत से हुई, उन्होंने प्रेमानंद जी को श्री हनुमत धामयूनिवर्सिटी में रासलीला मंच के आयोजन में आने का आमंत्रण दिया... जिसके बाद वे वहां पहुंचे... चैतन्य लीला और रासलीला देखकर प्रेमानंद जी महाराज के मन में कृष्ण बसने लगे... धीरे-धीरे भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनकी भक्ति और भी प्रगाढ़ होती गई... इसके बाद उन्हीं संत ने प्रेमानंद जी को वृंदावन चलने की सलाह दी... प्रेमानंद जी महाराज ने उनकी सलाह मान ली और आ गए वृंदावन... वृंदावन आकर वो राधा वल्लभ संप्रदाय से जुड़ गए... बस यहीं से आर्यन ब्रह्मचारी स्वामी प्रेमानंद जी महाराज हो गए... चलिए अब में प्रेमानंद जी महाराज की दिनभर की क्रियाओं के बारे में जान लेते हैं... महाराज जी हर रोज वृंदावन की परिक्रमा करने निकलते हैं... परिक्रमा के दौरान महाराज जी के दर्शन करने और प्रवचन सुनने के लिए हजारों भक्त पहुंचते हैं... परिक्रमा के बाद महाराज जी केलिकुंज आश्रम में सत्संग करते हैं और भक्तों के सवालों के जवाब देते हैं.... प्रेमानंद जी महाराज आश्रम में सुबह 09 बजे तक रहते हैं... इसके बाद वह अपने कारसेवकों के साथ अपने निवास में चले जाते हैं... सूत्रों के मुताबिक, अपने निवास में जाने के बाद महाराज जी किसी से भी नहीं मिलते फिर चाहे कोई कितना भी बड़ा वीआईपी क्यों ना हो... वो कुछ देर आराम करते हैं और उसके बाद देर तक राधा रानी का ध्यान करते हैं... ऐसा बताया जाता है कि जो कोई भी भक्त प्रेमानंद जी महाराज का सत्संग पूरे ध्यान से सुनता है उसे राधा रानी के दर्शन हो जाते हैं...
आज की तारीख में प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग के वीडियोज़ यूट्यूब पर मिलियंस में देखे जाते हैं... इतने लोग जब उनकी बातें सुनते हैं तो जाहिर है वह इन बातों पर अमल भी करते होंगे और अपनी जिंदगी में भी उतारते भी होंगे... इस तरह से प्रेमानंद जी महाराज समाज में बदलाव का एक बड़ा दायित्व निभा रहे हैं...