Trout fish1500 रुपये किलो मछली,health में किस मामले में करती है फायदा?

Trout fish1500 रुपये किलो मछली,health में किस मामले में करती है फायदा?

Trout Fish farming मछली पालन का उद्योग वैसे भी फायदे का सौदा माना जाता रहा है और इसके लिए सरकार के द्वारा नीली क्रांति के जरिए मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं और मछली पालन भी काफी बड़े उद्योग के रूप में किसानों के लिए जो फिश फार्मिंग करते हैं उनके लिए फायदे का सौदा रहा है.

लेकिन अगर हम यह बताएं कि मछली कुछ जगहों पर 1200 से ₹1500प्रति किलो बिक रही है तो यह शायद आपके लिए विश्वास कर पाना सही नहीं होगा लेकिन उत्तराखंड में उत्तरकाशी के जिले बारसू गांव में 50 किलो ट्राउट मछली ट्राउट मछली काफी महंगी मानी जाती है और इसका उत्पादन होने के बाद में 1200 से 1500 रुपए प्रति किलो मछली बिक रही है इस मछली के बारे में बताया जाता है कि इसमें काफी सारी जो औषधीय गुण है इस कारण मछली काफी महंगी मानी जाती है दवाओं में इसका प्रयोग होता है और उत्तराखंड सरकार के द्वारा पशुपालन डेयरी और मत्स्य पालन विभाग की सितंबर 2018 की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें 27 नदियों 997 और कई सारे जिलों में मछली पालन के उद्योग के लिए इसको काफी संभावनाएं देखी गई और यह जो जलवायु है मछली उत्पादन के लिए माना जा रहा है कि अगर सरकार थोड़ा सा भी सपोर्ट कर दें तो वहां के किसानों की किस्मत बदल सकती है ।

क्या है ट्राउट मछली ?

उत्तराखंड में कहा जाता है कि असली के लिए जो जलवायु है वह काफी अच्छी है और वहां इसका काफी अच्छा उत्पादन हो सकता है इस बारे में बताया जाता है कि मछली जो है 120 साल पहले जब अंग्रेज भारत में आए थे तो उन्होंने उत्तराखंड में उत्तरकाशी के डोडी ताल में इसके डाले थे एक खबर में छठ के द्वारा बताया गया है कि उत्तराखंड की नदियों और महाशीर के 1 दर्जन से अधिक प्रजातियां पाई जाती है जो काफी महंगी बिकती है और उसके लिए उत्तराखंड सरकार के द्वारा के विकास के लिए सरकार के द्वारा जो भी संभव हो वह सहायता दी जानी चाहिए जिससे उत्तराखंड के लोगों की fisheries के मामले में काफी अच्छी डेवलपमेंट हो सकती है यही नहीं रमेश चंद्र डोगरा ने अपने आर्टिकल में यह भी बताया है कि अगर उत्तराखंड में तीर्थ की पुरानी परंपरा और धार्मिक विचारों के कारण एक यहां काफी लोग जो है मछली पालन को सही नहीं मानते हैं लेकिन जो एक्वेरियम में जो मछलियां उपयोग की जाती है जो सजावटी मछली होती है उसके लिए काफी अच्छा है ।

हिमाचल प्रदेश में होता है ट्राउट मछली का उत्पादन

उत्तराखंड वहां की जलवायु ऐसी है कि वहां अच्छा खासा उत्पादन किया जा सकता है हालांकि हिमाचल प्रदेश में कुल क्षेत्र में मछली पालन केंद्र को पर्यटन के आकर्षण का क्षेत्र बनाएगा इसलिए मछली पालन और वहां पर बिकने वाली काफी महंगी मछली इन सारी चीजों को लेकर काफी अच्छा प्रयोग किया जा सकता है और मछली पालन के लिए उत्तराखंड की जगह है और वहां पर बताया जा रहा है कि ऐसी प्रजाति हैं जिनका इस्तेमाल किया जाता है मछली पालन में उपयोग किया जा सकता है।

ट्राउट मछली में कौन से विटामिन होते हैं ?

क्या है ट्राउट मछली का उपयोग कई सारे दवाओं में किया जाता है और इसमें सबसे ज्यादा विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है इसमें पाए जाने वाले विटामिन सी की मात्रा के कारण इसकी सबसे ज्यादा सप्लाई फाइव स्टार होटल्स में होती है क्योंकि जो लोग health concise हैं वह ऐसी चीजें लेना चाहते हैं जिनसे उनको हेल्थ में काफी उनके लिए फायदेमंद हो और सबसे बड़ी बात यह है कि रेनबो ट्राउट मछली का विदेशों में भी काफी सारी इसकी सप्लाई होती लेकिन जिस तरीके से डिमांड है सप्लाई नहीं हो पा रही है हिमाचल प्रदेश में इस बारे में काफी अच्छा अपने को डेवलप किया और उत्तराखंड में भी इस बारे में काफी अच्छी संभावना है क्योंकि रेनबो ट्राउट मछली जो है इसके लिए 8 से और मैग्मा 18 डिग्री सेल्सियस तक ही जो टेंपरेचर है वह होना होता है और इसी टेंपरेचर में सबसे ज्यादा वह फलती फूलती है।

ट्राउट मछली का क्या प्राइस है ?What is the price of trout fish?

Trout fish price हर जगह बदलता रहता है और कम से कम 500 रुपये प्रति किलो से लेकर 1500 रुपये तक मिलता है । ससे ज्यादा इसकी मांग विदेशों और फाइव स्टार होटल में है ।

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