प्रदोष व्रत का महत्व क्या है | Pradosh Vrat Karne Ke Fayde

प्रदोष का व्रत करने से क्या होता है | Pradosh Vrat Kitne Prakar Ke Hote Hain?

pradosh vrat kyu kiya jata hai

Pradosh Vrat Niyam

Pradosh Vrat Karne Ki Vidhi

Pradosh Vrat Kyu Kiya Jata Hai


प्रदोष व्रत, मुझे नहीं लगता की प्रदोष व्रत के बारे में आपने नहीं सुना होगा  .... क्यूंकि प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है...  कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर... ये तो सभी जानते हैं की ये व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. लेकिन व्रत के पीछे की कहानी, उसके फायदे और उसका नियम शायद ही बहुत कम लोगों को पता होगा....

प्रदोष का व्रत करने से क्या होता है?

स्कंद पुराण में इस व्रत के बारे में बताया गया है की भगवान शिव प्रदोष के समय कैलाश पर्वत पर अपने भवन में नृत्य करते हैं. और जो लोग भी प्रदोष के समय पूजा करते है उन्हें बहुत ही विशेष फलों की प्राप्ति होती है.... सबसे पहले तो आपको व्रत के फायदे बताते हैं....  और अगर आप ये व्रत सही तरीके से समझ जाते हैं की इसको करने से क्या लाभ मिलता है, तो आप इस व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ करें. क्यूंकि हम इस स्टोरी में आपको प्रदोष व्रत रखने का सही तरीका भी बताएंगे.... 
 वैसे प्रदोष व्रत का अलग-अलग दिन के अनुसार अलग-अलग महत्व होता है....  ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन यह व्रत आता है उसके अनुसार इसका नाम और इसके महत्व बदल जाते हैं....  अगर आप स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करना चाहते हैं तो आप रविवार के दिन आने वाले प्रदोष का व्रत रख सकते हैं.... सोमवार के दिन जो प्रदोष का व्रत आता है उसे कुछ लोग सोम प्रदोषम या चन्द्र प्रदोषम भी कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं....  इसके बाद आता है भौम प्रदोषम, ये व्रत मंगलवार के दिन आता है. और किसी भी महीने की त्रयोदशी अगर मंगलवार के दिन पड़ती है तो ये व्रत रखा जाता है.... . इस दिन व्रत करने वाले जातकों को रोगों से मुक्ति मिलती है.  अगर आप अपमी कामना को सिद्ध करना चाहते हैं तो बुधवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत को रख सकते हैं....  अगर आप अपने शत्रुओं से परेशान हैं तो उनसे छुटकारा पाने के लिए आप बृहस्पति वार को आने वाले प्रदोष का व्रत रखिये....  इसके साथ ही सौभाग्य वृद्धि और घर परिवार में सुख शांति के लिए शुक्रवार का प्रदोष व्रत रखा जाता है.... जो लोग संतान सुख से वंछित हैं उन्हें शनि प्रदोषम का व्रत रखना चाहिए. अगर आप पूरे विधि विधान के साथ ये व्रत करते हैं तो इससे आपको जरूर लाभ मिलता है....

प्रदोष व्रत के नियम क्या क्या है

प्रदोष व्रत के नियम क्या क्या है?

ये तो प्रदोष व्रत के लाभ की बात हो गई, लेकिन अब बात करते है इसकी विधि की, आखिर इसको करते कैसे हैं.... वैसे तो हमारे शिव जी बहुत भोले भाले हैं... उनकी पूजा शायद सभी भगवानों में सबसे सरल पूजा है लेकिन अगर आप व्रत पूरी श्रद्धा और नियम से करते हैं तो आपको उसका फल भी जरूर मिलता है..... अगर आप प्रदोष का व्रत रख रहे हैं तो किसी भी दिन आने वाले इस व्रत के लिए आप सुबह सुर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने.... इसके साथ ही शिव की पूजा के लिए बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि लेकर इससे आप शिव जी की पूजा करें.  और पूजा के बाद इस व्रत का संकल्प करें और जिस भी मनोकामना से ये व्रत कर रहे हैं वो मन में धारण करें. प्रदोष का व्रत रखने वाले लोग अन्न ग्रहण नहीं करते हैं. पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से कुछ देर पहले दोबारा स्नान करके सफ़ेद कपडे पहनने चाहिए... इसके साथ ही मंदिर में स्वच्छ जल या फिर गंगा जल का छिड़काव करें और फिर गाय के गोबर से मंडप बनाकर उसमे 5 अलग अलग रंगो की रंगोली बनानी चाहिए... और जब ये सब काम हो जाए तब आप उत्तर -पूर्व दिशा की तरफ बैठकर भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करें...  और जाप करते हुए आप भगवान शिव को जल चढ़ाएं .... 

प्रदोष व्रत के नियम क्या क्या है?

वैसे तो ये व्रत मनचाह वरदान पाने के लिए किया जाता है. जो भी व्यक्ति 11 या 26 प्रदोष व्रत रखते हैं उन्हें इसका विधिवत उद्यापन भी करना चाहिए.  और हिंदू धर्म में हर व्रत की विशेषता होती है. आप अपनी समस्या के हिसाब से भी प्रदोष का व्रत रख रख सकते हैं और अपने कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं.

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