What is the biggest punishment in the world? दुनिया की सबसे बड़ी सजा क्या है? फांसी की सजा सुबह 4.30 बजे ही क्यों दी जाती है जानिए 

What is the biggest punishment in the world? What is the biggest punishment in the world? Know why death sentence is given only at 4.30 in the morning
What is the biggest punishment in the world? दुनिया की सबसे बड़ी सजा क्या है? फांसी की सजा सुबह 4.30 बजे ही क्यों दी जाती है जानिए 
आज हम आपको ऐसा बताने जा रहे है  अगर कोई व्यकित  हत्या कर देता है तो उसे लगभग कई सालो तक जेल की सजा हो जाती है   नही तो उस व्फांयकित को फांसी  की जा सुनाई जाती है आज इसके बारे में आप को बताने जा रहे है फांसी से बड़ी सजा का अर्थ है ऐसी सजा जो फांसी की सजा से भी अधिक कठोर और क्रूर हो। दुनिया के विभिन्न देशों में फांसी से बड़ी सजा है |

दुनिया की सबसे बड़ी सजा क्या है?

1. दहेज हत्या के लिए पत्थर से मारकर मार डालना : सऊदी अरब, इराक, ईरान, पाकिस्तान, यमन, और मलेशिया जैसे देशों में दहेज हत्या के लिए पत्थर से मारकर मार डालने की सजा दी जाती है। यह सजा सबसे क्रूर सजाओं में से एक मानी जाती है।

2. राजद्रोह के लिए मृत्युदंड : कुछ देशों में राजद्रोह के लिए मृत्युदंड की सजा दी जाती है। भारत में भी राजद्रोह के लिए मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है, लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि राजद्रोह के लिए मृत्युदंड की सजा असंवैधानिक है।

3. युद्ध अपराधों के लिए मृत्युदंड : युद्ध अपराधों जैसे नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, और युद्ध के नियमों का उल्लंघन करने के लिए मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है।

4 . कट्टरपंथी धार्मिक गुटों द्वारा दी जाने वाली सजाएँ : कुछ कट्टरपंथी धार्मिक गुट अपने सदस्यों को अपराधों के लिए क्रूर और अमानवीय सजाएँ देते हैं। इन सजाओं में पत्थर से मारकर मार डालना, हाथ-पैर काटना, जिंदा दफनाना, और आग में झोंकना आदि शामिल हैं।

कुछ देशों में फांसी से बड़ी सजा के रूप में निम्नलिखित है 

1 . जीवन भर की कैद : जीवन भर की कैद में कैदी को आजीवन जेल में रहना होता है।

2 . कड़ाई से बंदी : कड़ाई से बंदी में कैदी को जेल के अंदर कड़े नियमों का पालन करना होता है।

3. मौत के बाद भी सजा : कुछ देशों में अपराधियों के परिवारों को भी सजा दी जाती है। जैसे उदाहरण के लिए सऊदी अरब में दहेज हत्या के लिए अपराधी के परिवार को भी दंडित किया जाता है।

फांसी की सजा सुबह 4.30 बजे ही क्यों दी जाती है?

हम आपको बता की जेल के नियमों के अनुसार जेल के सभी कार्य सूर्योदय के बाद शुरू होते हैं। फांसी के कारण जेल के बाकी कार्य प्रभावित न हों, इसलिए इसे सुबह 4.30 बजे दिया जाता है। अगर फांसी की सजा एक गंभीर सजा है और इसे किसी भी तरह से शोरगुल या प्रचार के बिना  किया जाना चाहिए। सुबह 4.30 बजे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि फांसी की सजा बिना किसी शोरगुल के दी जा सके। और  फांसी की सजा के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाता है। सुबह 4.30 बजे पोस्टमार्टम के लिए पर्याप्त समय होता है।और लोगो का मानना है कि सुबह 4.30 बजे फांसी की सजा देने से कैदी की मृत्यु के बाद उसके शरीर को जल्दी से ठंडा होने में मदद मिलती है जिससे पोस्टमार्टम में आसानी होती है।
 

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