विश्वकर्मा कर्मा पूजा क्यों और किन किन देशो में मनाया जाता है जानिए

विश्कर्मा कर्मा पूजा का उद्देश्य उनके आशीर्वाद और सहायता का अनुरोध करना है ताकि शिल्पकला, हस्तशिल्प और उद्यम क्षेत्रों में सफलता प्राप्त हो सके। इस दिन शिल्पकलाकार, उद्यमी और विभिन्न उद्योगों के लोग विश्वकर्मा जी की पूजा और आराधना करते हैं। विश्वकर्मा कर्मा पूजा के दौरान विभिन्न शिल्प उत्पादों को उनके समर्पित किया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
हर वर्ष विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों, कारखानों और विशेष तौर पर औजारों, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों और दुकानों आदि की पूजा की जाती है। दरअसल विश्वकर्मा जी को यंत्रों का देवता भी माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में देवी- देवताओं के महल और अस्त्र-शस्त्र भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाए थे इसलिए इन्हें वास्तुकार और निर्माण का देवता कहा जाता है। धार्मिक मान्याताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा जी ने इंद्रलोक, त्रेता में लंका, द्वापर में द्वारिका एवं हस्तिनापुर, कलयुग में जगन्नाथपुरी आदि का निर्माण किया था। इसके अलावा शिव जी का त्रिशूल, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज और भगवान विष्णु के लिए सुदर्शन चक्र को भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था।