लखनऊ। भागवत कथा के सफल समापन वाले दिन भगवान ने बारिश कर सभी कथा श्रोताओं और श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।
आज सतराजीत को सूर्य द्वारा दी हुई चमत्कारी मणि के बारे में चर्चा की वह चमत्कारी मणि हर रोज 20 तोला सोना देती थी, भगवान कृष्ण ने सोचा यदि वह मणि मुझे मिल जाए तो वह प्रजा पर बिना कर लगाए सेवा कर सकते हैं
और मणि वही जंगल में गिर गई सत्रहजीत भाई की खोज करते-करते जंगल आ पहुंचा भाई को मरा देखकर उसने सोचा कि जरूर द्वारकाधीश ने इसका वध कर मणि ले लिया है एक दिन सत्रहजीत का अनुज प्रसेनजीत भाई को बिना बताए
भगवान कृष्ण ने अपने ऊपर लगे कलंक को मिटाने के लिए जंगल जंगल घूमने लगे मणि की खोज करते-करते जम्मू स्थित जामवंत की गुफा के पास पहुंचे जहां बच्चे उसी मणि से खेल रहे थे, कृष्ण ने बच्चों से मणि ले ली तो जामवंत और द्वारकाधीश के बीच मणि विवाद को लेकर महायुद्ध शुरू हो गया
भगवान कृष्ण विजय हुए भगवान कृष्ण की रुक्मणी को मिलाकर आठ पत्नियाँ थी किंतु लोगों ने यह गलत अवधारणा बना रखी है कि भगवान कृष्ण ने सोलह हजार आठ पत्नियाँ रखी थी।भगवान ने वह मणि ले जाकर जब सत्राजित को दिया तो उसे अपनी गलती पर बहुत प्रायश्चित हुआ।
भागवत कथा के उपरांत हवन का आयोजन हुआ सनातन संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने वालों ने 16008 पटरानियों के बारे में लोगों को भ्रमित कर रखा है आज की कथा का समापन सुदामा चरित्र के बारे में वर्णित किया गया। कृष्ण सुदामा मिलन की कथा सुन सभी भक्तगण भाव विभोर हो गए।
अपने स्वभाव के अनुरूप आलोक कुमार अग्रवाल जी ने कृष्ण बनकर सुदामा का भाव विभोर होकर स्वागत किया और सुदामा की पैर धुला कर सेवा का खूबसूरत चित्रण किया।फूलों से भगवान कृष्ण संग होली खेली गयी।
कृष्णा ने शादी नहीं की थी 16000 रानियों से इस बारे में गलत बताया जाता है