एंटीबायोटिक और एंटीइफलामेटरी गुणों से भरपूर फिटकरी रसोई में मौजूद एक ऐसी सामग्री है, जो कई तरह से हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती है।
मम्मी की रसोई में हर पल मौजूद रहने वाली फिटकरी एक्ने और झांइयों से लेकर पापा की शेविंग किट में आफ्टरशेव के रूप में भी प्रयोग की जाती है।
इस बारे में बातचीत करते हुए योग व प्राकृतिक चिकित्सकों का कहना है कि फिटकरी हमारी त्वचा और बालों में होने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन से रक्षा करता है। इसके अलावा ये स्वास्थ्य संबधी समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
एक नेचुरल डियोडरेंट के रूप में फिटकरी हमें तन की दुर्गधं से मुक्ति दिलाती है। इसे पानी में मिलाकर अंडरआर्म्स में अप्लाई करने से स्वैट ग्लैण्डस श्रिंक होने लगते हैं, जिससे अत्यधिक पसीने की समस्या हल हो जाती है। इसके अलावा आप इसे नहाने के पानी में भी मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं।
दांतों में होने वाले दर्द और कैविटी की समस्या को दूर करने के लिए फिटकरी (fitkari) एक बेहतरीन उपाय है। इसे एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह उठकर और रात में सोने के बाद कुल्ला करें। इससे दांतों को मज़बूती मिलती है। साथ ही सांसों की दुंगध दूर हो जाती है।
एलम ब्रिक को चेहरे पर लगाने से त्वचा एक्सफोलिएट होने लगती है। इसके अलावा चेहरे पर होने वाली मुँहासों से मुक्ति मिल जाती है। एनसीबीआई के रिसर्च के मुताबिक फिटकरी की मदद से स्किन पर होने वाले बैक्टीरिया को दूर किया जा सकता है।
एंटी इंफलोमेटरी गुणों के कारण शारीरिक अंगों में होने वाली ख्जली को दूर करने के लिए फिटकरी का प्रयोग किया जाता है। इसे पानी में घोलकर प्रभावित जगह पर लगाएं। इससे बार बार होने वाली खुजली कम हो जाती है।
अगर आपको कोई घाव हो गया है, तो फिटकरी का प्रयोग अवश्य करें। इसे 2 से 3 बार जख़्म पर लगाने से घाव सूखने लगता है। इससे चोट जल्दी ठीक होने लगती है। इसे पानी में घोल लें और फिर पानी को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इससे राहत मिलती है।
अगर आप यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से ग्रस्त है, तो फिटकरी के पानी से यूटरस को क्लीन करें। इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में फिटकरी को डालें और कुछ देर रहने दें। इसके बाद फिटकरी को निकालकर उस पानी को क्लीनिंग के लिए प्रयोग करें।
मौसम में बदलाव आने के साथ एड़ियों के फटने की समस्या बढ़ जाती है। इससे निपटने के लिए नारियल के तेल में फिटकरी के पाउडर को मिलाकर एड़ियों पर लगाने से त्वचा को राहत मिलती है। इसके अलावा एड़ियों के रूखेपन से भी राहत मिल जाती है।