टेक्सचर से मुलायम मशरूम से कई तरह की सब्जिया तो बनायी जाती ही हैं साथ ही यह पिज़्जा, पास्ता और सूप में भी इस्तेमाल होता है। मशरूम में स्वादिष्ट होने के साथ ही कई तरह के पोषण तत्व भी पाए जाते हैं जोकि कई बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं।
विटामिन-ए से भरपूर मशरूम खाने से आँखों की रोशनी को तेज करने में ये मदद करता है। इसमें बीटा-कैरोटीन भी पाया जाता है जोकि दृष्टि दोष से बचाता है। मशरूम का सेवन आपकी आंखों के लिए बहुत अच्छा है।
हाई ब्लड प्रेसर से परेशान लोग अपनी डाइट में मशरूम को शामिल कर सकते हैं। इसमें सोडियम की मात्रा कम होती है और पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है जो बीपी को कंट्रोल करने में मदद करता है।
मशरूम को नैचुरल एंटीबायोटिक माना जाता है। यह हमारे इम्यून को मजबूत करने का काम करता है, यह माइक्रोबियल और अन्य फंगल संक्रमण को ठीक करने का काम करता है। इसमें कुछ ऐसे गुण पाये जाते हैं जो कोशिकाओं की मरम्मत करने का भी काम करते हैं।
स्टडी के अनुसार मशरूम में शक्तिशाली एंटीकैंसर गुण होते होते हैं। यह कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करता है, साथ ही यह फेफड़े, कोलन और ब्रेस्ट ट्यूमर सेल्स के विकास को रोकने में मदद करता है।
विटामिन-डी और विटामि-बी12 से भरपूर मशरूम हड्डियों के लिए काफी लाभकारी होते हैं। इसमें कॉपर और फास्फोरस जैसे मिनरल होते हैं जो हड्डियों की संरचना और मजबूत बनाने में मदद करता है।
मशरूम पॉलीसेकेराइड ग्लूकन का एक समृद्ध स्रोत हैं। यह दिखाया गया है कि यह बीटा-कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाकर अग्न्याशय के ऊतकों के कार्य को बहाल करता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्त शर्करा का स्तर कम होता है।
शोध से पता चलता है कि मशरूम में मौजूद पॉलीसेकेराइड, प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट स्वस्थ बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है। मशरूम एक प्रकार का प्रीबायोटिक है, जो पाचन क्रिया को संतुलित रखने में मदद करता है।
मशरूम को कैलोरी, वसा और कोलेस्ट्रॉल को कम करते हुए लाल मांस का एक उत्कृष्ट विकल्प कहा जा सकता है। शोध से पता चलता है कि शिइताके मशरूम, विशेष रूप से, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम रखने में मदद करते हैं।
कुछ मशरूम पेट खराब, मतली, उल्टी और दस्त का कारण बन सकते हैं। कुछ जंगली मशरूम की प्रजातियों में विषाक्त पदार्थ हो सकते हैं जो पाचन तंत्र को परेशान करते हैं।